Deoria: बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच उत्तर प्रदेश-बिहार सीमा पर शराब तस्करों की गतिविधियां अचानक तेज हो गई हैं। बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद चुनावी माहौल में शराब की मांग कई गुना बढ़ने से तस्करी नेटवर्क सक्रिय हो गया है।
देवरिया जिले की पुलिस ने इस बढ़ती तस्करी पर नकेल कसने के लिए सीमा इलाकों में कड़ी निगरानी और लगातार चेकिंग अभियान शुरू कर दिया है। पिछले तीन दिनों में श्रीरामपुर थाना क्षेत्र से तीन बड़ी शराब की खेपें बरामद की गई हैं, जिससे पुलिस की सक्रियता और मुस्तैदी दोनों सामने आई हैं।
शराबबंदी के बावजूद बिहार में बढ़ी मांग, यूपी की सीमा बनी सप्लाई लाइन
सूत्रों के अनुसार, बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद भी चुनावी मौसम में शराब की मांग अचानक बढ़ जाती है। इस मौके का फायदा उठाने के लिए सीमा पार के तस्कर नई-नई तरकीबें अपनाकर शराब पहुंचाने में जुट जाते हैं। देवरिया जिले का श्रीरामपुर थाना क्षेत्र, जो सीधे बिहार की सीमा से जुड़ा है, अब तस्करों के लिए प्रमुख मार्ग बन चुका है। पहले ये गिरोह शराब की खेपें चारपहिया वाहनों में ले जाते थे, लेकिन अब पुलिस की सख्ती के चलते वे बाइक और पगडंडियों का इस्तेमाल करने लगे हैं ताकि पकड़े न जाएं।
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तीन दिनों में तीन बड़ी कार्रवाइयाँ — पुलिस का सर्च ऑपरेशन जारी
देवरिया के पुलिस अधीक्षक संजीव सुमन ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि “सीमावर्ती इलाकों में चेकिंग और गश्त को हर हाल में तेज रखा जाए, किसी भी कीमत पर शराब तस्करी नहीं होने दी जाएगी।” इन आदेशों के तहत, श्रीरामपुर थाना प्रभारी डॉ. महेंद्र कुमार के नेतृत्व में पुलिस लगातार अभियान चला रही है। पहली बड़ी सफलता 17 अक्टूबर को मिली, जब मुखबिर की सूचना पर बासोपट्टी गांव के पास झरही नदी किनारे चेकिंग के दौरान पुलिस ने एक दोपहिया वाहन (BR29N5325) को रोका।
तलाशी लेने पर वाहन से दो प्लास्टिक की बोरियों में भरी 14 पेटी देशी शराब (ब्रांड बंटी-बबली) बरामद हुई। पुलिस ने मौके से सूरज यादव (पुत्र उदयभान चौधरी, निवासी इमलौली, थाना मैरवा, जनपद सिवान, बिहार) को गिरफ्तार कर लिया। पकड़ी गई शराब बिहार भेजी जा रही थी, ताकि चुनावी मौसम में मुनाफा कमाया जा सके। पुलिस अब इस गिरोह के बाकी सदस्यों और सप्लाई चैन की तलाश कर रही है।
देवरिया जिले के कुल सात थाना क्षेत्र सीधे बिहार से लगते हैं — इनमें श्रीरामपुर, भलुअनी, भटनी, बनकटा, रुद्रपुर, सलेमपुर और लार शामिल हैं। इन सभी इलाकों में पुलिस को विशेष निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। हर संदिग्ध वाहन, बाइक, और व्यक्ति की जांच की जा रही है। पुलिस ने यह भी साफ किया है कि सीमा पार शराब तस्करी में शामिल किसी भी नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त किया जाएगा।
स्थानीय लोगों की राय
स्थानीय निवासियों का कहना है कि चुनाव के दौरान ऐसी गतिविधियां आम हो जाती हैं, लेकिन इस बार पुलिस की कार्रवाई ने तस्करों के हौसले पस्त कर दिए हैं। लोगों ने मांग की है कि चेकिंग अभियान को चुनाव खत्म होने तक जारी रखा जाए, ताकि अवैध शराब की सप्लाई पूरी तरह रोकी जा सके। देवरिया पुलिस की मुस्तैदी से साफ है कि इस बार प्रशासन ने शराब तस्करी पर सख्त रुख अपना लिया है। बिहार में चुनावी माहौल के बीच शराब की तस्करी सिर्फ अवैध कारोबार नहीं, बल्कि कानून-व्यवस्था की चुनौती भी बन चुकी है। अगर यह अभियान इसी सख्ती से चलता रहा, तो शायद बिहार-यूपी सीमा पर इस बार शराब माफियाओं की रातें बेनूर हो जाएंगी।
