Deoria Crime: देवरिया जिले में रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले मुख्या आरोपी को पुलिस गिरफ्तार कर लिया है। युवक पर आरोप है कि उसने कई बेरोजगार युवाओं को फर्जी नियुक्ति पत्र देकर लाखों रूपए की वसूली की है। आरोपी लगभग 2 साल से फरार चल रहा था। उस पर देवरिया जिलों के कई थानों में तीन और चंदौली में 2 मामले दर्ज है। पुलिस ने पूछताछ के बाद आरोपी को कोर्ट में पेश किया, जहाँ से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
तो चलिए जानते है क्या है पूरा मामला ?
दरअसल जीके खुखुंदू थाना क्षेत्र के मुजुरी बुजुर्ग के रहने वाले अनिल यादव के खिलाफ साल 2022 में एक युवक ने चंदौली जिले के बलुआ थाना में रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने का मुक़दमा दर्ज करवाया था। उस मामले में पुलिस कुछ एक्शन ले पति उससे पहले ही उसी ठाणे में एक और युवक ने मुक़दमा दर्ज करा दिया।
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इसके अलावा देवरिया जिले के भटनी थाना क्षेत्र के सहोपर के रहने वाले राजन सिंह अनिल के खिलाफ रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जी नियुक्ति पत्र देकर लाखों रूपए ठगने का मुक़दमा दर्ज कराया था। मुकदमे में राजन ने बरहज के रहने वाले कमलेश और अजीत को भी आरोपी बनाया। आरोपी के खिलाफ मुक़दमा दर्ज होने के बाद देवरिया और चंदौली पुलिस आरोपी अनिल की तलाश में जुट गई लेकिन आरोपी उनके हाथ नहीं लगा।
इसी बिच देवरिया की जिला अदालत ने अनिल यादव की गिरफ़्तारी के वारंट जारी कर दिया। वारंट जारी होने के बाद पुलिस हरकत में आ गई। आरोपी के खुखुंदू थाना क्षेत्र के होने के नाते भटनी थाने की पुलिस ने खुखुंदू पुलिस से मदद मांगी। जिसके बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी अनिल को भरथुआ चौराहे से गिरफ्तार कर लिया।
इसी दौरान सलेमपुर कोतवाली थाना क्षेत्र के रजडीहा के रहने वाले प्रदीप यादव ने और खुखुंदू थाना क्षेत्र के बीरपुर मिश्र के रहने वाले अनूप यादव ने भी अनिल यादव व उसके पिता अशोक यादव और भाई अमितेश यादव के खिलाफ स्थानीय थाने में ठगी करने का मुकदमा दर्ज करा दिया। यहाँ भी पीड़ितों ने फर्जी नियुक्ति पत्र देकर लाखो रूपए ठगने का आरोप लगाया।
खुखुंदू के थानाध्यक्ष दिग्विजय सिंह ने बताया कि ठगी के आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायलय में पेश कर जेल भेज दिया गया।