
Deoria जिले के रुद्रपुर तहसील में भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला अब एक नए मोड़ पर पहुँच गया है। रजिस्ट्रार कानूनगो रामाशीष राय ने मंगलवार को एक निजी कर्मचारी अरविंद श्रीवास्तव के खिलाफ रुद्रपुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराने के लिए तहरीर दी है। यह कदम जिलाधिकारी दिव्या मित्तल के सख्त निर्देश पर उठाया गया है।
एंटी करप्शन टीम ने पकड़ा था रंगेहाथ
यह मामला बीते गुरुवार का है, जब एंटी करप्शन लखनऊ टीम ने तहसील के आरके दफ्तर में अरविंद श्रीवास्तव को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा था। टीम आरोपी को हिरासत में लेकर बाहर जा रही थी, तभी कर्मचारियों और अधिवक्ताओं की भीड़ ने घेर लिया। दबाव बढ़ने पर टीम बिना गिरफ्तारी की औपचारिक पुष्टि किए ही वापस लौट गई। इस घटना से एंटी करप्शन टीम की कार्यप्रणाली पर कई सवाल उठे थे।
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जिलाधिकारी ने दिए तत्काल कार्रवाई के निर्देश
घटना की जानकारी मिलते ही डीएम दिव्या मित्तल ने अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति फर्जी नायब तहसीलदार बनकर घूस ले रहा था, उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए। आदेश के बाद रजिस्ट्रार कानूनगो रामाशीष राय ने आरोपी के खिलाफ आधिकारिक तहरीर पुलिस को सौंपी।
आरोपी बन रहा था फर्जी अधिकारी
रजिस्ट्रार कानूनगो रामाशीष राय ने बताया कि आरके दफ्तर में तीन रजिस्ट्रार— रामाशीष राय, संतोष बेनीवाल और सत्तार कार्यरत हैं। मगर आरोपी अरविंद श्रीवास्तव खुद को रजिस्ट्रार कानूनगो बताकर अवैध रूप से धन उगाही में लिप्त था। इस फर्जीवाड़े का उद्देश्य तहसील के कामकाज में भ्रष्टाचार फैलाना था।
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जांच शुरू, तहसील परिसर में गहमागहमी
रुद्रपुर थानाध्यक्ष कल्याण सिंह सागर ने पुष्टि की है कि उन्हें तहरीर प्राप्त हो गई है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है। जांच के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। घटना के बाद से तहसील परिसर में गहमागहमी का माहौल बना हुआ है। कर्मचारियों और अधिवक्ताओं के बीच इस घटना पर चर्चा जारी है। कई लोग उम्मीद जता रहे हैं कि निष्पक्ष जांच से तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार के और मामले उजागर होंगे।