Deoria: देवरिया सदर रेलवे स्टेशन पर मालगोदाम की वजह से कसया ढाले पर लगने वाले जाम और प्रदूषण की समस्या से शहरवासियों को जल्द ही राहत मिलने वाली है। रेलवे बोर्ड ने मालगोदाम को देवरिया से 6 किलोमीटर दूर अहिल्यापुर रेलवे स्टेशन के निकट शिफ्ट करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है।
सामाजिक संगठन की पहल
सामाजिक संगठन कानून पीड़ित न्याय मंच ने हजारों शहरवासियों के हस्ताक्षर सहित याचिका एनजीटी नई दिल्ली और रेलवे बोर्ड, नई दिल्ली के समक्ष प्रस्तुत की थी। इस याचिका पर कार्यवाही करते हुए, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की सुनवाई के दौरान मंडल रेल अधीक्षक वाराणसी ने पुष्टि की कि देवरिया सदर स्थित रेलवे मालगोदाम अब देवरिया से 6 किलोमीटर दूर अहिल्यापुर रेलवे स्टेशन के पास स्थानांतरित होगा।
स्थानीय नागरिकों को मिलेगी राहत
रेलवे बोर्ड द्वारा स्वीकृति प्रदान किए जाने के बाद, स्थानीय नागरिकों को शहर में घंटों लगने वाले जाम और प्रदूषण से राहत मिलेगी। अहिल्यापुर में विश्वस्तरीय मालगोदाम का निर्माण होगा, जिसका मास्टर प्लान अनुमोदित हो चुका है।
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प्रदूषण के कारण जुर्माना और वृक्षारोपण
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिलाधिकारी देवरिया द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार, वायु में प्रदूषण की मात्रा 174 ग्राम प्रति क्यूबिक मीटर है, जो निर्धारित मानक से अत्यधिक है। इस रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए, स्टेशन अधीक्षक देवरिया को 12 हजार 5 सौ रुपये प्रतिदिन के हिसाब से 48 दिन के लिए 6 लाख रुपये का जुर्माना लगाने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए रेलवे द्वारा 217 वृक्ष लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा, एनजीटी ने रेलवे बोर्ड से प्रदूषण नियंत्रण के संबंध में मासिक रिपोर्ट प्रेषित करने का आदेश दिया है।
संगठन के प्रतिनिधियों की प्रतिक्रिया
कानून पीड़ित न्याय मंच के फाउंडर शमीम इकबाल और सचिव अधिवक्ता अविनाश कुमार सिंह ने बताया कि देवरिया सदर रेलवे मालगोदाम से होने वाले जाम और प्रदूषण ने नागरिकों के संवैधानिक अधिकार अनुच्छेद 21 का उल्लंघन किया था। मालगोदाम की शिफ्टिंग की स्वीकृति और कार्यवाही से एनजीटी तथा रेलवे बोर्ड ने लोक कल्याण में महत्वपूर्ण योगदान किया है। इस सूचना से स्थानीय नागरिकों में खुशी की लहर है। अधिवक्ता अविनाश सिंह ने नागरिकों द्वारा हस्ताक्षर अभियान में सहभागिता और सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया है।
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