देवरिया। जिले में वायरल फीवर का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कालेज से संबद्ध जिला अस्पताल में हाल के दिनों में प्रतिदिन 250 से अधिक मरीज वायरल फीवर वाले पहुंच रहे हैं। इसमें बच्चे भी शामिल हैं। पीआईसीयू व चिल्ड्रेन वार्ड भी ऐसे मरीजों से भरे हैं।
बाल रोग की ओपीडी में पहले की तुलना में दोगुने मरीज पहुंच रहे हैं।
बच्चों के इलाज के लिए बाल रोग की ओपीडी दोगुनी भीड़ लग रही है। पहले बुखार से जुड़े तकरीबन 50-60 मरीज आते थे, लेकिन इन दिनों प्रतिदिन औसतन 150 से अधिक बच्चे आ रहे हैं। इनमें से अधिकांश बुखार, जुकाम, खांसी, सांस फूलने, झटका, टायफाइड, निमोनिया आदि से पीड़ित हैं। हर रोज गंभीर रूप से बीमार बीस से तीस मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है। वहीं फिजीशियन के पास 125 से अधिक बड़े लोग बुखार, पेट, सिर, बदन दर्द, चक्कर आने की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि इस समय रैनो, एडनो, आरएसबी वायरस, नार्मल फ्लू का संक्रमण हो रहा है।
वायरल फीवर के प्रकोप से बचने के लिए ये सावधानी बरतें
- साफ- सफाई रखें, हाथ की सफाई करें
- धूप में बच्चों को खेलने न दें
- बारिश में बच्चों को भींगने न दें और गंदे पानी में न जाने दें
- बीमार व्यक्ति से बच्चों को दूरी बनाकर रखें
- ठंडा पानी, आइसक्रीम, शीतल पेय पदार्थ, सड़क किनारे ठेले पर खुले में बिकने वाले सामानों का सेवन न करने दें
- फ्रीज में रखी चीजों को तुरंत निकाल कर न खाएं
- मौसमी फल, ताजा भोजन का सेवन करें
- बच्चों को पूरी बांह का कपड़ा पहनाएं
चिकित्सक बोले, बीमार होने पर लापरवाही न करें
चिकित्सा अधीक्षक व बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. एचके मिश्रा का कहना है कि मौसम में परिवर्तन होने पर वायरस बढ़ जाते हैं और इनका संक्रमण तेज हो जाता है। कमजोर इम्युनिटी वाले जल्द इनकी चपेट में आकर बीमार हो जाते हैं। बुखार होने पर शीघ्र चिकित्सक को दिखा कर इलाज कराएं। बीमार होने पर इलाज में लापरवाही न बरतें। बच्चों को मॉस्क लगाएं व भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर न जाने दें।
एसोसिएट प्रो. डॉ. विनीत जायसवाल बोले, बुखार होने पर पैरासीटामाल दें। भरपूर मात्रा में सादा पानी व ओआरएस का घोल बच्चे को देना चाहिए। बुखार न उतरने, सांस फूलने व दूध न पीने पर बच्चे को चिकित्सक को दिखाकर इलाज कराएं। साफ-सफाई पर ध्यान दें तथा नमी न रखें। सीनियर रेजिडेंट डॉ. नरेंद्र मोहन जायसवाल का कहना है कि मौसम बदलने पर वायरल इंफेक्शन होता है। ऐसे में बच्चों को चिकित्सक के पास ले जाएं और इलाज कराएं।