Deoria जिले के मईल थाना क्षेत्र के भागलपुर गाँव में फखरूदीन (उर्फ मंगरु) नामक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत ने इलाके में सनसनी फैला दी है। दस दिनों तक लापता रहने के बाद उसका शव आठ नवंबर को एक पानी की टंकी (कुएँ जैसी टंकी) में मिलने से परिजन और ग्रामीण भड़क उठे हैं। घटना के एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी पुलिस किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुँच सकी है, जिससे परिजनों और गांव वालों में गहरी नाराजगी और भय का माहौल है।
फखरूदीन उर्फ मंगरु 30 अक्टूबर 2025 की रात से लापता था। वह ठेला लगाकर रोज़ी-रोटी कमाता था। उसी रात वह काम से घर लौटा था, लेकिन रात में अचानक गायब हो गया। परिवार ने उसे खोजने के लिए स्थानीय स्तर पर कोशिशें कीं और आसपास के लोगों से पूछताछ की, पर परिणाम नहीं निकला।
आठ नवंबर को भागलपुर–पिंडी तिराहा के पास स्थित कुएँ जैसी पानी की टंकी से तेज दुर्गंध आने पर स्थानीय लोग जमा हुए और घटना की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर जाकर टंकी की जांच कराई; भीतर मंगरु का शव पाया गया। शव की हालत बहुत खराब थी-इतनी भीषण दुर्गंध और क्षति कि मौके पर मृत्यु के समय का सटीक अनुमान लगाना मुश्किल हो गया।
शव को पुलिस ने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच पोस्मार्टम रिपोर्ट व फॉरेंसिक जांच के लिए आगे बढ़ रही है।
ये भी पढ़ें: Deoria में संदिग्ध परिस्थिति में विवाहिता की मौत, मायके पक्ष ने ससुराल वालों पर लगाया हत्या का आरोप
परिवार की प्रतिक्रिया और आरोप
मंगरु के परिजनों ने पुलिस पर समय पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि यदि पुलिस ने उसकी गुमशुदगी की सूचना मिलते ही खोजबीन तेज की होती तो उसकी जान बच सकती थी। परिजन मानते हैं कि मंगरु की हत्या की गई और बाद में शव को टंकी में फेंका गया- यह उनकी प्राथमिक धारणा है। परिवार ने इसकी आधिकारिक तहरीर थाना में दर्ज करवाई है।
मृतक की मां की तहरीर पर पुलिस ने एक नामजद व कई अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या तथा संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। परिजनों का कहना है कि अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, जिससे उनका विश्वास पुलिस पर कमज़ोर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि वे सोमवार को पुलिस अधीक्षक संजीव सुमन से मुलाकात कर मामले का शीघ्र खुलासा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करेंगे।
पुलिस की प्रतिक्रिया और जांच की स्थिति
मईल थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर आवश्यक कदम उठाना शुरू कर दिया है। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है और फॉरेंसिक टीम से विस्तृत जांच कराने का संकेत दिया है। थाना अधिकारियों का कहना है कि प्रारंभिक जांच जारी है और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट व सीसीटीवी/आस-पास के साक्ष्यों के आधार पर आगे के स्पष्ट निष्कर्ष सामने आएंगे। (ध्यान दें: पुलिस बयान में जो बातें सामने आईं, उन्हें यहाँ तथ्यात्मक रूप में दर्ज किया गया है; किन्तु जांच अभी अंतिम नहीं हुई है।)
ये भी पढ़ें: Deoria मेडिकल कॉलेज में नर्सों का विरोध, पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप
गांव में तनाव और सामुदायिक प्रतिक्रिया
शव मिलने के बाद भागलपुर गाँव में तनाव फैल गया। ग्रामीणों ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए और कहा कि स्थानीय प्रशासन और पुलिस को गंभीरता से मदद करनी चाहिए थी। कुछ ग्रामीणों ने कहा कि गाँव में शांति बनाए रखने के लिए प्रशासन को त्वरित उत्तर देना चाहिए और आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी सुनिश्चित करनी चाहिए। वहीं, परिवार को सांत्वना देने के लिए ग्रामीण और पड़ोसी जुटे हुए हैं, साथ ही मृतक के अंतिम संस्कार व पंचनामा आदि कागजी प्रक्रिया भी पूरी की जा चुकी है।
क्या कहा जा रहा है — संभावित कारण और जांच का फोकस
फिलहाल प्रमुख बिंदु जिन पर जांच का फोकस है:
मृतक के आख़िरी दिन किससे मिला था, किन गतिविधियों में संलिप्त था। आसपास के सीसीटीवी फुटेज और तिराहा व क्षेत्र के लोगों से पूछताछ। टंकी में शव फेंके जाने का समय और तरीका — क्या किसी ने वहां पर आपराधिक कृत्य किया या शव अन्य स्थान से लाकर फेंका गया। किसी पुरानी रंजिश, आर्थिक विवाद या व्यक्तिगत झगड़े के संकेत। इन पहलुओं की पुष्टि पोस्टमॉर्टम और फोरेंसिक रिपोर्ट, साथ ही साक्ष्यों के मिलने पर ही की जा सकेगी।
परिवार की अगली माँगें
- परिजन और समुदाय के लोग पाँच विशिष्ट माँगें उठा रहे हैं,
- मामले की त्वरित और पारदर्शी जांच।
- पोस्टमॉर्टम व फॉरेंसिक रिपोर्ट का सार्वजनिक और निष्पक्ष निरीक्षण।
- संदिग्ध लोगों की शीघ्र पहचान व गिरफ्तारी।
- पुलिस की प्रारंभिक ढिलाई के कारण उत्पन्न सम्भावित चूक की स्वतः भी जांच।
- पीड़ित परिवार को न्याय और समर्थन- आवश्यक होने पर मुआवज़ा व सुरक्षा उपलब्ध कराना।
आगे की प्रक्रिया
पुलिस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट व फॉरेंसिक लैब रिपोर्ट का इंतज़ार कर रही है। इलाके के सीसीटीवी, आसपास के व्यक्तियों व मोबाइल लोकेशन ट्रेसिंग से जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है। कानून के अनुसार यदि आवश्यक हुआ तो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों व जिला प्रशासन को भी मामले में शामिल किया जाएगा।
परिजन सोमवार को पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर लिखित मांग-पत्र सौंपेंगे; इसके बाद प्रशासन की प्रतिक्रिया के आधार पर आगे की कार्रवाई पर दबाव बढ़ सकता है।
फखरूदीन उर्फ मंगरु की संदिग्ध मौत ने भागलपुर गाँव व आसपास के लोगों को हिलाकर रख दिया है। परिवार और गांववालों में न केवल न्याय की माँग बल्कि पुलिस जांच व प्रशासनिक जवाबदेही को लेकर भी गहरी चिंता है। मामले का निष्पक्ष, शीघ्र और वैज्ञानिक तरीके से खुलना न केवल पीड़ित परिवार के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए आवश्यक है। जब तक पोस्टमॉर्टम व फोरेंसिक रिपोर्ट सामने नहीं आती और संदिग्धों की पहचान व गिरफ्तारी नहीं होती, तब तक कई प्रश्न अनुत्तरित रहेंगे — और यही अनिश्चितता परिजनों व समुदाय की असंतोष की मुख्य वजह बनी हुई है।
