DU Protest: दिल्ली विश्वविद्यालय की पूर्व अधोक्षज डॉ. रितु सिंह को आईपीसी धारा 283 (सार्वजनिक स्थल या नेविगेशन रेखा में खतरा या अवरोध) के तहत आरोप लगा है, जब उन्होंने अपने नौकरी से बर्खास्त होने के खिलाफ प्रतिष्ठान स्थापित की।
कौन है डॉ. रितु सिंह ?
28 वर्षीय मनोविज्ञान शिक्षिका सिंह, जो दलित समुदाय से हैं, 2019 में नियुक्ति होने के एक साल के भीतर ही डौलत राम कॉलेज से हटा दी गई गया। उन्होंने कई तरीकों से अपने खिलाफ आपत्तिजनक और अवैध समाप्ति के खिलाफ प्रतिरोध किया है। सिंह ने अपनी पकोड़े की दुकान को दिल्ली विश्वविद्यालय के कला संकाय के बाहर लगाया है। इस पर उनका कहना है कि “मेरे पास कोई नौकरी नहीं है, इसलिए मैं सड़कों पर ‘पकोड़े’ बेचने लगी हूँ, ताकि इसी विश्वविद्यालय में, जिसने मुझे मेरा डिग्री दी थी, मैं अपना रोटी बना सकूँ। मैं यहां इसलिए हूँ, क्योंकि मेरी सेवाएं गलत तरीके से समाप्त हो गईं,”।
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अन्याय के खिलाफ प्रर्दशन
डॉ. रितु सिंह ने अपनी बात रखते हुए कहा कि “इस अन्याय के खिलाफ मेरे प्रदर्शन को दबाने के कई प्रयास हुए हैं। मेरा ठेला ‘डॉ.फीडी पकौड़े वाली’ भी मेरे प्रदर्शन का हिस्सा है… मैंने इस ठेले को रविवार को शुरू किया, जिससे किसी को भी किसी भी प्रकार की कोई असुविधा नहीं हुई। इसके बावजूद प्रदर्शन को रकने की कोशिश की जा रही है। वह आगे बताती है यह ठेला, कला संकाय के गेट नंबर 4 पर थी। एक या दो दिन बाद, पुलिस ने जगह पर जाकर, मेरे ठेले के लाइसेंस के लिए मुझसे पूछा और मुझे छोड़ने की धमकी दी… मुझे श्रद्धापूर्ण तरीके से नोटिस दिया जा सकता था, लेकिन इसके लिए मुझे इस केस के तहत रिजर्व करने की क्या आवश्यकता थी?”
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