Electricity Worker Strike: यूपी में लगातार चल रहे बिजली हड़ताल अपने जोर पर है। अभी तक बिजली कर्मचारी की हड़ताल का हाल नहीं निकाला जा सका है। बता दें, बीती रात ऊर्जा मंत्री ए.के शर्मा और विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की बैठक बेनतीजा रही। कर्मचारी नेताओं की मानें तो ऊर्जा मंत्री ने संघर्ष समिति के पदाधिकारियों की मांग नहीं मानी। ये बातचीत लगभग 3 घंटे ऊर्जा मंत्री के आवास पर चली। असल में, इस वार्ता से काफी उम्मीदें जाताई जा रही थी। लेकिन हड़ताल का कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जा सका। दरअसल, विद्युत संघर्ष समिति के पदाधिकारी लगातार चेयरमैन एम देवराज को हटाने व अन्य मांगों को लेकर अड़े हैं। वही, सरकार के भी तेवर और अड़ियल रूख के चलते स्थिति जस की तस है।


लोगों को हो रही परेशानी
इस हड़ताल की वजह से लोगों को झेलनी पड़ रही है। बिजली ना मिले की वजह से जनता को काफी समस्याओं का सामान करना पड़ रहा है। लेकिन इसकी जिम्मेदार कौन लेगा सरकार या बिजली कर्मचारी। जानकारी के मुताबिक विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारी चेयरमैन एम देवराज के खिलाफ मोर्चा खोले बैठे हैं। वह चेयरमैन को हटाने के अलावा अपनी अन्य मांगों को लेकर अड़ गए हैं। हालांकि ऊर्जा मंत्री ने बीच का रास्ता निकालने को कहा, लेकिन जब कोई अन्य विकल्प नहीं दिखा तो उन्होंने कोई भी मांग मानने से साफ इंकार कर दिया।
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फतेहपुर का हाल
इस मामले में शैलेंद्र दुबे का बड़ा बयान आया है। उन्होंने कह कि मैं गिरफ्तार हो जाऊंगा तब भी धरना जारी रहेगा। वही फतेहपुर के बिजली विभाग की बात करें तो वहां खागा और बिन्दकी एक्सईएन निलंबित हो गये है। बता दें, उन्हें एमडी ने कार्य बहिस्कार को ले कर निलंबित किया गया है। एसडीओ मलवा शुभम जैन, असोथर जहीदी, खागा दिलीप, एसडीओ बिंदकी राजेश पाल भी निलंबित हुए है। वहीं, IAS अनुज कुमार DM जौनपुर ने बिजली हड़ताल में शामिल 117 संविदा कर्मियों की सेवाएं को समाप्त कर दिया गया है।
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