Agra Sexual Harassment: उत्तर प्रदेश के आगरा से एक चिंताजनक घटना सामने आई है। जिनमें स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) और एक वरिष्ठ इंस्पेक्टर शामिल हैं। दोनों के खिलाफ एक महिला पुलिस दरोगा ने यौन उत्पीड़न का दबाव बनाने का आरोप लगाए हैं। यह घटना एतमादुद्दौला पुलिस स्टेशन की है।
SHO समेत दो पुलिस अफसरों सस्पैंड, विस्तार से जानें
पुलिस थाने में ट्रैनी महिला दरोगा के साथ शारीरिक संबंध के लिए दबाव बनाने वाले SHO समेत दो पुलिस अफसरों को सस्पैंड कर दिया है। आरोप है कि पुलिस थाने का SHO अपने ही ट्रैनी महिला दरोगा पर बुरी नजर रखता था और रात में कमरे में सोने के लिए दबाव बनाता था।
महिला सब इंस्पेक्टर द्वारा दी गई शिकायत के अनुसार, उन्होंने पुलिस आयुक्त से लिखित रूप में शिकायत दर्ज कराई है कि शान्तिपुर्वक रवैये से वंचित रहने के बावजूद SHO दुर्गेश कुमार मिश्र ने उन पर बुरी नजर डाली और उन्हें यौन संबंध बनाने के लिए दबाव बनाया। उन्होंने मिश्रा को विवाह की प्रस्तावना का बहाना बनाकर उन्हें अवैध शारीरिक संबंध में जबरदस्ती किया जाने का आरोप भी लगाया है। आरोपों की गंभीरता को देखते हुए पुलिस आयुक्त ने तत्काल कड़ी कार्रवाई की घोषणा की है। एतमादपुर के सहायक पुलिस आयुक्त को जांच करने का आदेश दिया गया है। जांच के परिणामों के इंतजार में, SHO दुर्गेश कुमार मिश्र और वरिष्ठ इंस्पेक्टर अमित प्रसाद को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
दलित एंगल आया सामाने
बता दें कि थानाध्यक्ष दुर्गेश कुमार मिश्रा द्वारा, प्रशिक्षु महिला दरोगा को रहने, सोने, मानसिक, शारीरिक और व्यवहारिक उत्पीड़न सिर्फ इसलिए किया गया क्योंकि वह दलित थी। ऐसा प्रशिक्षु का कहना है। शिक्षु दरोगा के खिलाफ रिपोर्ट लगा कर नौकरी छीन लेने की धमकी देकर दलित लड़की के इज्जत के साथ खेलने वाले SHO दुर्गेश मिश्रा शादीशुदा हैं और दो बच्चे भी हैं।
पहले भी हुए ऐसे मामले
प्रशिक्षु महिला दरोगा को रात में कमरे पर बुलाने वाले दुर्गेश मिश्र के खिलाफ यह पहला मामला नही है। इसके 5 साल पहले भी बुलंदशहर के कंकोडी में थाना प्रभारी रहते, थाने में ही तैनात वाली महिला कांस्टेबल पर दिल आ गया था। रात को उस महिला सिपाही को पोर्न भेजने लगे थे। कमरे पर बुलाते थे, अश्लील चैट करते थे, उसने इनका चैट वायरल कर दिया। उस वक्त भी एसएसपी के पास वीडियो बनाकर महिला सिपाही ने शिकायत दर्ज कराई थी।
महिला की सुरक्षा हर जगह जरूरी
इस घटना ने पुलिस बल की इमानदारी और मानवीयता के प्रति विश्वास को बनाए रखने के लिए अदालत में प्रदर्शित किया है। इस घटना ने पुलिस विभाग में काम करने वाली महिला अधिकारियों के लिए सुरक्षा और पेशेवर वातावरण के महत्व को भी उजागर किया है, और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए कठोर उपायों की आवश्यकता को भी दर्शाया है।
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