Inflation on Pulses: हाल ही में सरकार ने दो अहम निर्णय लिए हैं जो खाद्य मांग को बनाए रखने और मामूली खाद्य मदों की आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करेंगे। पहला निर्णय यह है कि सितंबर तक तुअर और चना दालों के लिए भंडार सीमा लगा दी गई है। इससे जमाखोरी और सट्टेबाजी को रोकने के साथ-साथ, ये दालें उपभोक्ताओं तक पहुंच में लाई जा सकेंगी।
क्या है अहम निर्णय
दूसरा निर्णय यह है कि संशोधित खाद्य पदार्थ (संशोधन) आदेश, 2024 को हटाकर, 21 जून, 2024 से तत्काल प्रभाव से लागू हो रहा है। इससे खुदरा विक्रेताओं, थोक विक्रेताओं, बड़ी सीरीज वाले खुदरा विक्रेताओं, मिल मालिकों और आयातकों को विभिन्न भंडार सीमाओं का लाभ होगा।
खुदरा विक्रेताओं में बढ़ोतरी
इस निर्णय के बाद, हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के लिए 30 सितंबर, 2024 तक अरहर और काबुली चना सहित चना के लिए भंडार सीमा तय की गई है। प्रत्येक दाल पर व्यक्तिगत रूप से लागू भंडार सीमा थोक विक्रेताओं के लिए 200 टन, खुदरा विक्रेताओं के लिए पांच टन, और बड़ी सीरीज वाले खुदरा विक्रेताओं के लिए 200 टन होगी। मिल मालिकों के लिए यह सीमा उत्पादन के अंतिम तीन महीने या वार्षिक स्थापित क्षमता का 25 प्रतिशत, जो भी अधिक हो, होगी।
पोर्टल पर स्टॉक की स्थिति घोषित
आयातकों के लिए भी नए नियम बनाए गए हैं। उन्हें आयातित भंडार से 45 दिनों से अधिक ब्रांडिड डाल रखने की अनुमति नहीं है। इसके अलावा, संबंधित कानूनी संस्थाओं को उपभोक्ता मामले विभाग के पोर्टल पर स्टॉक की स्थिति घोषित करने की भी जिम्मेदारी होगी।
इस कदम का मुख्य उद्देश्य तुअर और चना के मूल्यों पर लगाम लगाना है, जो खाद्य मांग को स्थिर बनाए रखने में मदद करेगा। उपभोक्ता मामलों का विभाग स्टॉक के बारे में विस्तृत जानकारी देने वाले पोर्टल के माध्यम से दालों के भंडार पर सक्रिय नजर रख रहा है।
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