
Live in Relationship: आज के दौर में रिश्ते तेजी से बदल रहे हैं, और कम उम्र में लिव-इन रिलेशनशिप (Live-in Relationship) में रहना अब कोई नई बात नहीं है। लेकिन, इससे जुड़ी लापरवाही और उसके गंभीर नतीजे अक्सर सामने आते हैं, जो न केवल सामाजिक रूप से, बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज़ से भी चिंताजनक हैं।
हाल ही में, स्त्री रोग विशेषज्ञ (Gynecologist) डॉक्टर शैफाली दधीचि ने अपने एक अनुभव को साझा किया, जिसने आधुनिक समाज में युवाओं की अपरिपक्वता (immaturity) और स्वास्थ्य के प्रति उनकी लापरवाही को उजागर किया है।
19 साल की उम्र में अबॉर्शन किट की मांग
डॉक्टर शैफाली बताती हैं कि हाल ही में उनके क्लिनिक में एक 19 साल की लड़की आई। लड़की ने आते ही सीधे कहा, “मैम, मुझे अबॉर्शन किट चाहिए।” यह सुनते ही डॉक्टर हैरान रह गईं और पूछ बैठीं, “तुम्हारी उम्र कितनी है?”
जब लड़की ने अपनी उम्र सिर्फ 19 साल बताई, तो डॉक्टर का चौंकना स्वाभाविक था। डॉक्टर ने लड़की से पूछा कि यह कैसे हुआ, जिस पर लड़की का जवाब था, “मैम, लिव-इन में रहती हूं।”
रिप्रोडक्टिव हेल्थ पर गंभीर खतरा
डॉक्टर शैफाली के लिए यह मामला केवल अनचाहे गर्भ का नहीं था, बल्कि यह यूट्राइन (Uterine) और वेजाइनल हेल्थ के लिए खतरे की घंटी थी।
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स्त्री रोग विशेषज्ञ ने लड़की को समझाया कि:
संक्रमण का खतरा: असुरक्षित यौन संबंध (Unprotected Intercourse) सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (STD) और अन्य गंभीर संक्रमणों का खतरा बढ़ा सकते हैं, जिससे वेजाइनल डिस्चार्ज और पेट के निचले हिस्से में दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
बाँझपन (Infertility) की आशंका: बार-बार अबॉर्शन किट का इस्तेमाल और अनियंत्रित ई-पिल्स लेना भविष्य में बाँझपन (Infertility) की समस्या पैदा कर सकता है। जब वह बाद में गर्भधारण करने की कोशिश करेगी, तब उसे गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
हार्मोनल असंतुलन: आजकल महिलाएं बिना सोचे-समझे ई-पिल्स (Emergency Contraceptive Pills) का अत्यधिक इस्तेमाल करती हैं। डॉक्टर के अनुसार, ये पिल्स हार्मोनल संतुलन को बुरी तरह से बिगाड़ सकती हैं।
करियर पर ध्यान और सही डॉक्टर से संपर्क
डॉक्टर शैफाली ने 19 साल की उस युवती को डांटने के बजाय प्यार से समझाया और जीवन में सही प्राथमिकताओं पर जोर दिया। उन्होंने सलाह दी कि इतनी कम उम्र में इस तरह की जोखिम भरी आदतों से बचना चाहिए और अपने करियर पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
यदि कोई गलती हो जाती है, तो मनमाने ढंग से किट का इस्तेमाल करने के बजाय तुरंत किसी विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इससे कम उम्र में ही रिप्रोडक्टिव हेल्थ को सुरक्षित रखा जा सकता है।
यह मामला दिखाता है कि कम उम्र में लिव-इन जैसे फैसले लेने के साथ-साथ, रिप्रोडक्टिव हेल्थ और सुरक्षा के बारे में सही जानकारी होना कितना ज़रूरी है।