Menstruation: एक महिला अपने जीवन में अनेक हार्मोनल परिवर्तनों से गुजरती है। इसमें से कई चीजों को आम माना जाता है। एक समय आता है जब इन विषयों पर बात करने के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ के साथ चर्चा करने की आवश्यकता होती है।
कोकिलाबेन अंबानी अस्पताल में एक वरिष्ठ प्रसूति और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ वैशाली जोशी पांच बुनियादी लेकिन महत्वपूर्ण चिंताओं को साझा किया, कि एक महिला को स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास जाना चाहिए और इसका इलाज करना चाहिए।
दर्दनाक पीरियड्स
इसे कष्टार्तव भी कहा जाता है। अगर दर्द महिलाओं को काम से दूर रहने पर मजबूर करता है या उनके जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करता है तो इसकी जांच की जानी चाहिए। पक्का इलाज से पहले नैदानिक जांच और पैल्विक सोनोग्राफी की आवश्यकता होती है, जिससे चीज़ों को समझने में आसानी हो।
योनि में परेशानी या दर्द
योनि में दर्द के कई कारणों से हो सकते है। संक्रमण या मूत्र संक्रमण या योनि के होठों (योनि) के पास की त्वचा में फोड़े के कारण भी परेशानी हो सकती है। कभी-कभी वाइट डिस्चार्ज या खुजली भी होती है। आमतौर पर नॉर्मल दवा काम नहीं करती हैं क्योंकि इसका इलाज करने के लिए डॉक्टर द्वारा सही उपचार आवश्यक है।
दो पीरियड्स के बीच में ही ब्लीडिंग
सेक्स के बाद ब्लीडिंग यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) का चेतावनी संकेत हो सकता है, जिसे पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज या सर्वाइकल कैंसर या संक्रमण भी कहा जाता है। छुटकारा पाने के लिए पैप स्मीयर टेस्ट, क्लाइमाडिया टेस्ट जैसे इम्पोर्टेन्ट जांज के साथ अच्छी तरह से अंगों को देखने की जरूर है। एसटीआई और गर्भाशय में कैंसर की शुरुआती का जल्दी पता चल जाए तो इसका पूरी तरह से इलाज किया जा सकता है।
मूत्र रिसाव
अधिकांश महिलाओं को मूत्र रिसाव के बारे में खुल कर बात करने में कठिनाई होती है। आमतौर पर खांसते या छींकते या व्यायाम करते समय पेशाब करने की तीव्र इच्छा होती है। शौचालय पहुंचने से पहले रिसाव होता है। कभी-कभी यह पीछे के मार्ग से पानी के मल या गैस से जुड़ा हो सकता है। विशेषज्ञ द्वारा इन समस्याओं का जल्दी मूल्यांकन किया जाना चाहिए ताकि समस्या की प्रगति को रोकने के लिए सही व्यायाम, मूत्राशय प्रशिक्षण उपचार शुरू किया जा सके।
स्तन में गांठ या सूजन
स्तन में गांठ या निप्पल से निकलने वाले स्राव को गंभीरता से लेना चाहिए। डॉक्टर द्वारा किल्निक्ल जांज जरूरी है ताकि गांठ की प्रकृति का पता लगाने के लिए सोनोग्राफी या मैमोग्राफी द्वारा आगे की जांच की जा सके। इसलिए, हर महिला द्वारा हर महीने सेल्फ ब्रेस्ट टेस्ट कराना बहुत जरूरी है।