Nepal Landslide: नेपाल में नारायणघाट-मुगलिंग मार्ग पर हुए लैंडस्लाइड के कारण हुए हादसे में 7 भारतीयों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। इस घटना में 50 लोग अब तक लापता बताए जा रहे हैं। लैंडस्लाइड की चपेट में आकर दो बसें उफनाई त्रिशूली नदी में बह गईं। जानकारी के अनुसार, दोनों बसों में कुल 65 यात्री सवार थे, जिनमें से सात भारतीय थे। राहत और बचाव कार्य जारी है और अधिकारियों ने यात्रियों की तलाश के लिए अभियान तेज कर दिया है।
लैंडस्लाइड के कारण दो बसें बह गईं
चितवन के मुख्य जिला अधिकारी इंद्र देव यादव ने इस हादसे की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि बीरगंज से काठमांडू जा रही एंजेल बस और राजधानी काठमांडू से गौर के लिए रवाना हुई गणपति डीलक्स बस सुबह साढ़े तीन बजे भूस्खलन की चपेट में आ गईं। पुलिस के अनुसार, एंजेल बस में 24 यात्री और गणपति डीलक्स बस में 41 यात्री सवार थे। सूत्र के मुताबिक, गणपति डीलक्स बस में सवार तीन यात्री बस से कूद गए, जिससे वे मलबे के साथ बहने से बच गए। एंजेल बस में सवार 21 यात्रियों का विवरण मिल गया है, जिनमें सात भारतीय शामिल हैं।
मृतकों की पहचान और खोजबीन जारी
पुलिस ने बताया कि लैंडस्लाइड के कारण त्रिशूली नदी में बहने वाले सात भारतीय नागरिकों की पहचान की जा चुकी है। मृतकों में संतोष ठाकुर, सुरेंद्र साह, आदित मियान, सुनील, शाहनवाज आलम और अंसारी शामिल हैं। एक भारतीय नागरिक की पहचान अभी बाकी है। राहत कार्यों के तहत स्थानीय अधिकारियों और बचाव दल ने लापता लोगों की खोजबीन जारी रखी है।
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प्रधानमंत्री ने जताया दुख, राहत कार्यों का निर्देश
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल प्रचंड ने त्रिशूली नदी में बसों के बहने की घटना पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने युद्धस्तर पर तलाश और बचाव अभियान चलाने का निर्देश जारी किया है। प्रचंड ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा, “मैं देश के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ और भूस्खलन के कारण हुए नुकसान और नारायणघाट-मुगलिंग मार्ग पर बसों के भूस्खलन के बाद नदी में बहने की घटना से बहुत दुखी हूं। मैं गृह विभाग और अन्य सरकारी एजेंसियों को यात्रियों को खोजने और उन्हें बचाने के लिए निर्देश देता हूं।” उन्होंने बाढ़ और भूस्खलन के मद्देनजर लोगों से सतर्क रहने की अपील भी की है।
भविष्य में ठोस उपायों का प्लान
सरकारी अधिकारियों के अनुसार, राहत कार्यों के तहत खोजबीन के साथ-साथ प्रभावित क्षेत्रों में मदद की जा रही है। भूस्खलन की घटनाओं के पुनरावृत्ति से बचने के लिए भविष्य में ठोस उपायों की योजना बनाई जाएगी, ताकि ऐसी दुर्घटनाओं से बचा जा सके और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
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