गुजरात: सूरत कोर्ट ने कांग्रेस नेता Rahul Gandhi द्वारा 2019 में ‘मोदी उपनाम’ टिप्पणी पर मानहानि मामले में अपनी सजा पर रोक लगाने की याचिका खारिज कर दी। एडिशनल सेशन कोर्ट जज आरपी मोगेरा कोर्ट में आए और इस याचिका पर केवल एक शब्द कहा- डिसमिस्ड, यानी खारिज।
आपको बतादें की जज मोगेरा ने इस मामले पर 13 अप्रैल को दोनों पक्षों की दलीलें सुनी थीं और फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब राहुल गाँधी सूरत कोर्ट के फैसले को लेकर हाईकोर्ट में अपील करेंगे।
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कांग्रेस महासचिव प्रभारी संचार जयराम रमेश ने सूरत कोर्ट के फैसले पर कहा- कानून के तहत अभी भी हमारे पास जो भी विकल्प उपलब्ध हैं, हम उन सभी विकल्पों का इस्तेमाल करेंगे। वहीँ इस मामले पर पक्ष और विपक्ष के नेताओं का भी बयान आया है।
इस मामले पर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा है- इस मुल्क के लिए आज काला दिन है क्योंकि विपक्षी नेता के साथ इस किस्म का व्यवहार किया जाए तो मुझे लगता है कि कही न कही बीजेपी इस मुल्क को बनाना रिपब्लिक बनाना चाहती है। वो यहां की संविधान को खत्म करके अपने एजेंडे पर चलाना चाहती है वो बीजेपी राज चलाना चाहती है। मानहानि मामले में जो फैसला आया है वो विपक्ष को एक संदेश है।
बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा- आज जो सूरत की कोर्ट का फैसला आया है, उससे पूरे देश में खुशी का माहौल है। जिस पिछड़े वर्ग के लिए राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया था, उन्हें गाली देने का काम किया था और ये सब करके गांधी परिवार को लगता था कि वो बचकर निकल जाएंगे, वह नहीं हो पाया है। कोर्ट का फैसला गांधी परिवार के मुंह पर तमाचा है। आज सूरत की कोर्ट से सिद्ध होता है कि कानून सबके लिए बराबर है।
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सूरत कोर्ट द्वारा खारिज की गई याचिका पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मीडिया से कहा- हमने पहले भी ऐसा कहा कि उन्होंने(राहुल गांधी) खुद को कानून से ऊपर मान लिया है। उन्हें विशेष दर्ज़ा क्यों नहीं दिया जा रहा है, ऐसा उनके कुछ लोग बोल रहे हैं। जब कोई व्यक्ति खुद को कानून से ऊपर समझता है तो उसे लगता है कि मैंने कुछ गलती थोड़ी की है।
