Russian BrideRussian Bride

Russian Bride: यूपी का दूल्हा, रशियन दुल्हन (Russian Bride) की हिन्दू रीति रिवाजों से बौद्ध की महापरिनिर्वाण में शादी रचाई गयी । जिसमे चार देशो के लोग इनकी शादी के साक्षी बने। कुशीनगर की यह अनोखी शादी इन दिनों खासी सुर्खियों में है। क्योकि इन दोनों के प्यार ने केवल सरहदों की दीवारें गिर गईं बल्कि ये साबित हो गया कि अगर प्यार सच्चा है तो जाति मजहब और सरहदीं पहरों का कोई मतलब नहीं।

भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर सिर्फ अंतरास्ट्रीय पटल की पर्यटन ही नही बल्कि रविवार को अंतरराष्ट्रीय शादी की भी गवाह बनी। जिसमे कुशीनगर जिले का दूल्हा, रशियन दुल्हन के सात फेरों के साक्षी चार देशों के बाराती बने। कुशीनगर के मंगलपुर गांव के रहने वाले दीपक मेडिकल की पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रिया पहुंचे थे। जहां जारा जो दीपक की सीनियर छात्रा थी दोनों के बीच प्यार हुआ और अब हिंदू रीतिरिवाजों से उनकी शादी कराई गई। जानकारी के मुताबिक चार सकल पहले दीपक सिंह अपनी मेडिकल की पढ़ाई करने यूरोपीय देश ऑस्ट्रिया पहुँचे जहां रशियन लड़की जारा से मोहब्बत के बाद वही उनसे शादी कर लिया। कोरोना के बाद जब वे घर आये तो उनके परिवार के लोगो ने दोनो की शादी हिन्दू रीति रिवाजों से कराई।

Kushinagar जिले के पथिक निवास में हिदू दूल्हन की तरह सज धज विदेशी दूल्हन जारा जो अब डॉ. जया सिंह बन चुकी हैं काफी उत्साहित दिखी। अपने दोस्तो के साथ आई दुल्हन जार (जया) लाल जोड़े में पिया मिलन की आस लिए तीन देशों की सरहद लांघ आई हो। रशिया की जारा कुशीनगर के रहने वाले डॉ. दीपक सिंह से ब्याह रचाने जब होटल से निकली तो बतया की मेरे दुल्हन का ड्रेश बेहतरीन हैं । भारत का कल्चर काफी आकर्षक है मैं बेहद खुश की हमारी शादी भारतीय रीति रिवाजों से हो रही।

विदेशी दुल्हन सजी हुई कार में बैठकर जब बिरला धर्मशाला पहुची जहां विदेश से आये दोस्तो और जार के परिजनों ने रश्मो के अनुसार मंच तक पहुँचाया। जिले में ये अपने तरह का पहला मामला था जब कोई सरहद पार की दुल्हन खुद हिन्दुस्तानी बनने देशों की दीवारें लांघ आई। विदेशी दुल्हन के साथ आये इजराइल, रशियन और अर्जनटिना के विदेशी दोस्तो ने भारतीय शादी के मजे लिए तो दूल्हे के भारतीय रिश्तेदार भी उत्साहित दिखे। विदेशी लोगो के साथ सेल्फी और फ़ोटो सेशन भी खूब दिखा।

इजराइल से आये डैनियल अल्फांसो ने बताया कि हम लोग बेहद खुश है कि हमारे दोनो दोस्तो की शादी इतने धूमधाम से हो रही। हमारे यहां तो लोग शादी में जाते और सिर्फ खाना खाकर चले जाते पर भारत मे मैंने देखा कि कैसे सभी लोग मिलकर इसे पूरा करते है। सभी साथ खाते और डांस करते जो बिल्कुल हमारे लिए नया है। हमे बेहद अच्छा लग रहा।

जफर सहबाई का शेर है कि ‘’दिलों के बीच ना दीवार है ना सरहद है, दिखाई देते हैं सब फासले नजर के मुझे’’। ये शेर इस लव स्टोरी के लिए उतना ही मुकम्मल है जितना कि ये शेर ‘’रौशनी बिखेरना फितरत है चिरागों की, चिरागों का अपना कोई मकां नहीं होता। यकीनन नफरतों के जमाने में मोहब्बत की रौशनी बिखेरने वाली ये खास शादी लोगों के जेहन में लम्बे वक्त तक ताजा रहेगी।

By Javed

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