सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि पत्रकारों या राजनीतिक विचारों को दबाने के लिए सरकारी तंत्र का इस्तेमाल नहीं कि‍या जाना चाहिए। यही नहीं ट्विटर युग में पत्रकारों को भी अधिक जिम्मेदारी और सजगता से काम करना चाहिए। साथ ही साथ विचारों के स्तर पर राजनीतिक वर्ग को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए।

इन टिप्‍पणियों के साथ ही जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एमएम सुंदरेश की पीठ ने पश्चिम बंगाल में प्रकाशित लेखों के संबंध में एक समाचार वेब पोर्टल के संपादकों के खिलाफ मामले को रद्द कर दिया।  

By Javed

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“जम्मू की धड़कन”और आरजे सिमरन सिंह ने दूनिया को कहा अलविदा किताबों के ढेर में एक पेंसिल छुपी है, तेज़ नज़र पेंसिल को ढूंढकर दिखाए। आपको सिर्फ 2 अंतर बताना है, बाज जैसी तेज़ नज़र वालों के लिए है ये चैलेंज इंसान के मरने के बाद बांस से बनी अर्थी पर क्यों लेटाया जाता है। सीमा हैदर ने सचिन मीणा को दिया खुशखबरी, सीमा हुई प्रेग्नेंट