Deoria: देवरिया में ऑनलाइन परीक्षा केंद्र की फ्रेंचाइजी देने के नाम पर शहर के किड्जी विद्यालय के संचालक दंपति से शातिरों ने साढ़े चार लाख रुपए की ठगी की है। ठगों ने न केवल पैसे की धोखाधड़ी की, बल्कि परीक्षा हाल का सेटअप और सजावट पर भी छह लाख रुपए खर्च करवा दिए। जालसाजों ने एक प्रतिष्ठित कंपनी के नाम से मिलते-जुलते नाम वाली वेबसाइट बनाकर विद्यालय संचालक दंपति को झांसे में लिया।
वेबसाइट पर उन्होंने कंपनी का पता बैंगलोर का दिया था। धोखाधड़ी के इस मामले में कोर्ट के आदेश पर सदर कोतवाली पुलिस ने कंपनी से जुड़े सात लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
जानें क्या है पूरा मामला
शहर के मालवीय रोड, स्टेशन रोड के निकट निवासी निकुंज अग्रवाल, पुत्र राजकुमार अग्रवाल ने पुलिस को तहरीर दी है। निकुंज अग्रवाल और उनका परिवार श्री ठाकुर जी एजुकेशनल वेलफेयर ट्रस्ट का संचालन करता है। ट्रस्ट के अंतर्गत शहर के राघव नगर में किड्जी विद्यालय चलाया जाता है, जिसका संचालन उनकी पत्नी चांदनी अग्रवाल करती हैं। चांदनी अग्रवाल एक ऑनलाइन परीक्षा केंद्र स्थापित करना चाहती थीं।
इस सिलसिले में उनके परिचित सुरेन्द्र कुशवाहा, जो आईटीआई का संचालन करते हैं, को मोबाइल नंबर 9935997301 से एक ऑफर प्राप्त हुआ था। हालांकि, उनके पास 2000 वर्ग फीट जगह नहीं होने के कारण उन्होंने उस ऑफर को स्वीकार नहीं किया।
जानें क्या था ठगी का तरीका
निकुंज अग्रवाल ने उस मोबाइल नंबर पर संपर्क किया और बताया गया कि उनकी कंपनी एचसीएल टेक्नोलॉजी लिमिटेड है, जो स्पेशल इकोनॉमी जोन, 129 टावर 2, जीगानी वोमासंड्रा जीगानी लिंक रोड इंडस्ट्रियल एरिया, बैंगलोर में स्थित है। कंपनी देशभर में ऑनलाइन परीक्षाओं का संचालन करती है और परीक्षा केंद्र 15 दिनों के लिए इंगेज रहेगा। इसके लिए साढ़े चार लाख रुपए की फ्रेंचाइजी फीस लेनी होगी, जबकि शेष खर्च कंपनी द्वारा वहन किया जाएगा।
इसके बाद, पीड़ित ने एचसीएल टेक्नोलॉजी कंपनी के बैंक ऑफ बड़ौदा के खाते में तीन बार में 4 लाख 64 हजार 228 रुपए ट्रांसफर कर दिए। यह राशि कंप्यूटर, टेबल, सीपीयू, मॉनिटर, एसी, इन्वर्टर, सीसीटीवी और इंश्योरेंस के मद में भेजी गई।
ये भी पढ़ें: Deoria: पैमाइश के दौरान भूमि विवाद को लेकर दो पक्षों में हुई मारपीट, पुलिस ने स्थिति को किया नियंत्रित
धोखाधड़ी का खुलासा
चांदनी अग्रवाल ने कंपनी के अधिकारियों अनिता शर्मा और आरके नायर को भेजे गए एग्रीमेंट और पार्टनरशिप एग्रीमेंट आदि पर हस्ताक्षर कर भेज दिए। इसके बावजूद, बार-बार अनुरोध के बावजूद कंपनी ने परीक्षा केंद्र का सेटअप नहीं लगाया। जब अग्रवाल दंपति ने इस पर कुछ आईटी इंजीनियरों से संपर्क किया, तो पता चला कि इस नाम की कोई कंपनी ही नहीं है। एचसीएल नाम से मिलता-जुलता नाम रखकर और फर्जी वेबसाइट बनाकर उनके साथ ठगी की गई थी।
पुलिस कार्रवाई जारी
धोखाधड़ी का पता चलने पर पीड़ित दंपति ने कोतवाली पुलिस को तहरीर दी और कार्रवाई की मांग की। लेकिन पुलिस ने उनकी शिकायत दर्ज नहीं की। इससे परेशान होकर निकुंज अग्रवाल ने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट के आदेश पर कोतवाली पुलिस ने आरोपी कंपनी से जुड़े सात लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
ये भी पढ़ें: Deoria Crime: भाई ने बहन के प्रेमी की निर्ममता हत्या, प्यार और बदला की कहानी ने गांव में सबको झकझोरा