जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने आज प्रातः लगभग 9:00 बजे जिला चिकित्सालय में इलाज व स्वास्थ्य सुविधाओं की हकीकत का जायजा लेने के लिए औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने मरीजों के इलाज की व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने के निर्देश के साथ ही चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ सहित वार्ड-ब्वाय की भी शिफ्टवार तैनाती का रोस्टर निर्धारित किए जाने के निर्देश दिए।
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जिलाधिकारी ने कहा कि इमरजेंसी में भी उपस्थित पंजिका रखी जाए जिस पर प्रत्येक शिफ्ट में तैनात स्वास्थ्यकर्मी अपनी उपस्थिति अनिवार्य रूप से अंकन करेंगे। इसका अनुश्रवण इमरजेंसी प्रभारी चिकित्सक द्वारा प्रत्येक दशा में सुनिश्चिक्त किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि तैनात समस्त स्वास्थ्य कर्मियों को आईडी निर्गत की जाए और वे अपनी ड्यूटी के समय पहचान पत्र अवश्य ही रखेंगे। बिना पहचान पत्र व अनाधिकृत रूप से पाए जाने पर उनके विरुद्ध कठोरतम कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ सुविधाओं व मरीजों के इलाज की दुरुस्त व्यवस्था हर हाल में सुनिश्चित की जाए, इसमें किसी भी स्तर पर कोई कोताही न बरती जाय।
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निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी सबसे पहले इमरजेंसी कक्ष में पहुंचे और वहां एक-एक बिंदुओं की गहनता से पड़ताल की। मरीजों की पंजिका में मोबाइल नंबर भी अंकित कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि तैनात सभी स्वास्थ्यकर्मी व चिकित्सकों को प्रॉपर ड्रेस व नेम प्लेट में होना चाहिए, जिससे कि पब्लिक उनकी पहचान कर सके। उन्होंने कहा कि सभी स्वास्थ्य कर्मी समय से अपने ड्यूटी पर उपस्थित रहते हुए मरीजों का इलाज बेहतर से बेहतर रूप में सुनिश्चित करें।
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इसी क्रम में उन्होंने इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक डॉक्टर सतीश के मोबाइल नंबर पर बात कर उनकी इमरजेंसी में तैनाती के संबंध में पूछताछ की। ग उन्होंने इमरजेंसी में प्रातः शिफ्ट के प्रभारी डॉ राहुल देव को निर्देश देते हुए कहा कि मरीजों को उनकी आवश्यकता अनुसार वार्ड में भर्ती कराया जाए और पंजिका में उनके कंडीशन का भी स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाए।
जिलाधिकारी ने इमरजेंसी कक्ष में भर्ती मरीजों से उनके इलाज की जानकारी प्राप्त की। इस दौरान मरीज कबूतरी देवी एवं एक अन्य मरीज के परिजनों से बातचीत कर उनके इलाज के संबंध में आवश्यक निर्देश चिकित्सकों को दिए। इस दौरान चीफ फार्मासिस्ट राकेश कुमार त्रिपाठी एवं बलराम यादव से डी फार्मा व बी फार्मा के प्रशिक्षु फार्मासिस्ट के संबंध में जानकारी प्राप्त की तथा प्रशिक्षु फार्मासिस्टों को पहचान पत्र नहीं जारी किए जाने पर गहरी नाराजगी जताई। साथ ही स्पष्ट रूप से निर्देश दिया कि ऐसे प्रशिक्षुओं के आईकार्ड हर हाल में जारी किया जाए अन्यथा बिना पहचान पत्र के यदि कोई प्रशिक्षु पाया जाएगा तो इसे अत्यंत गंभीरता से लिया जाएगा और इसकी जिम्मेदारी तय करते हुए कठोरतम कार्यवाही के साथ ही जेल भेजने की भी कार्रवाई की जाएगी।
जिलाधिकारी ने मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य राकेश कुमार बरनवाल से कहा कि वे ऐसे सभी पैरामेडिकल स्टाफ से मीटिंग कर उन्हें उनकी जिम्मेदारियों से भली-भांति अवगत करा दें। बाहरी व अनाधिकृत लोग जिला चिकित्सालय में उपस्थित न रहे और दवा-इलाज में बाहरी लोगों की दखलअंदाजी बिल्कुल न रहे। यदि अस्पताल में किसी अनाधिकृत व्यक्ति को पाया जाएगा तो अस्पताल प्रशासन की सहमति समझी जाएगी और जिम्मेदार के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।