देवरिया: भारत सरकार एवं मा०राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण,नई दिल्ली द्वारा पारित निर्णय में निर्देश दिये गये कि देशी मांगुर की आड़ में प्रतिबंधित विदेशी थाई/हब्शी मांगुर मछली का पालन किया जा रहा है । थाई मांगुर मछली की प्रजाति का पालन देश के सभी राज्यों में पूर्णतया प्रतिबन्धित हैं यह मछलियाँ मांसाहारी प्रवृति के होने के कारण इनके पालन से स्थानीय मत्स्य सम्पदा को क्षति पहुचाने के साथ-साथ जलीय पर्यावरण को असंतुलन एवं जनस्वास्थ्य को खतरा होने की सम्भावना बनी रहती हैं। साथ ही उक्त प्रजातियों की मछलियों को सड़ा-गला मांस खिलाने से आस-पास का वातावरण भी प्रदूषित होता हैं।

ये भी पढ़िए: लखनऊ: यूपी में पुलिस कर्मियों के सुधार हेतु सीएम योगी का बड़ा फैसला

उपरोक्त के दृष्टिगत जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने सभी उप जिलाधिकारियो को थाई मांगुर मछली का पालन,मत्स्य बीज आयात / संचय, मछली का परिवहन एवं इनको खिलाये जाने वाले स्लाटर हाउस के मास के अवशेष/अपशिष्ट की आपूर्ति को पूर्णतया रोकने के लिये निर्देशित किया हैं कि वे अपने तहसील क्षेत्र में मत्स्य विभाग के कर्मचारियों एवं लेखपालों के माध्यम से प्रतिबन्धित थाई मांगुर पाल रहे मत्स्य पालकों का चिन्हांकन कर उनको नोटिस निर्गत करतें हुए तत्काल प्रतिबंधित प्रजाति की मछलियों के पालन, विक्रय,आयात, निर्यात अथवा स्टॉक की उपलब्धता होने पर/संज्ञान में आने पर नियमानुसार विनिष्टीकरण आदेश जारी करातें हुए मत्स्य विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों एवं आवश्यक पुलिस बल के साथ टीम गठित कर प्रतिबंन्धित ‘मछलियों एवं मत्स्य बीज के विनिष्टीकरण की कार्यवाही सुनिश्चित करें तथा विनिष्टीकरण में व्यय की गई धनराशि सम्बन्धित मत्स्य पालक/विकेता से वसूल की जाय। चिन्हित किये गये मत्स्य पालकों/विक्रेताओं की सूची एवं की गई कृत कार्यवाही की सूचना से मुझे भी अवगत कराना सुनिश्चित करें।

By Javed

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अनन्‍या पांडे से ब्रेकअप के बाद आदित्य रॉय कपूर को मिला नया प्यार क्या कैप्सूल कवर वेज होता है या नॉनवेज ? फिल्ममेकर्स के करोड़ों रुपये क्यों लौटा देते हैं पंकज त्रिपाठी? सीने पर ऐसा टैटू बनवाया कि दर्ज हुई FIR, एक पोस्ट शख्स को मुशीबत में डाला इस वजह से हार्दिक पंड्या को नहीं बनाया कप्तान