Hathras Satsang: हाथस में हुए सत्संग में हादसे में बड़ी संख्या में लोगों की मौत होने की और घायल होने की खबरें आ रही है। बता दें कि यह सत्संग उत्तर प्रदेश में हाथरस जिले के सिकन्दराराऊ क्षेत्र में आयोजित सत्संग में हुआ है। कहा जा रहा है कि यह सत्संग नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा का है। लेकिन इस घटना में बीच बड़ा सवाल ये उठता है कि आखिर कौन है ये नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा? आखिर भोले बाबा के लिए क्यों जम हुआ हजारों की तादाद में लोग? क्या करता है ये बाबा?
पहले जानें क्या है घटना
हाथरस के जिलाधिकारी आशीष कुमार ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि इस घटना में अब तक 50 से 60 लोगों की मौत होने की जानकारी है। इसमें महिलाओं की संख्या अधिक है। उन्होंने यह भी कहा कि हाथरस के सिकंदराराऊ में भोले बाबा का समागम हो रहा था और जब समागम का अंत हो रहा था तब उमस काफी थी, ऐसे में लोगों के बाहर निकलते समय भगदड़ मच गयी। एटा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सिंह ने बताया कि यह घटना पुलराई गांव में सत्संग में हुई, जिसमें शामिल होने के लिये बड़ी संख्या में लोग आए थे।
Hathras Hadsa: सत्संग में भगदड़ से 50 लोगो की गई जान, कई लोग हुए घायल
कौन है ये नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा?
- नाम- नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा
- नारायण साकार हरि एटा जिले बहादुर नगरी गांव के रहने वाले
- अध्यात्म की दुनिया में आने से पहले वह गुप्तचर विभाग में थे
- नारायण साकार अपनी पत्नी के साथ करते है सत्संग
- आध्यात्मिक दुनिया में आने से पहले सूरजपाल हुआ करते थे
- संत बनने के बाद उन्होंने पटियाली गांव में ही अपना भव्य आश्रम बनाया
- सत्संग को ‘मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम’ कहा जाता है
- सफेद सूट-बूट पहकर आंखों पर रंगीन चश्मा लगाकर प्रवचन देते हैं
- खुद को भगवान साकार हरि का शिष्य मानते हैं
- भोले बाबा खुद को IB का पूर्व कर्मचारी बताता हैं
- सोशल मीडिया से दूर रहता है भोले बाबा
- 26 साल पहले बाबा सरकारी नौकरी छोड़ धार्मिक प्रवचन करने लगे थे
- यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली समेत देशभर में लाखों अनुयायी
- बाबा का कोई आधिकारिक अकाउंट किसी भी प्लेटफॉर्म पर नहीं है
- नारायण साकार हरि का कार्यक्रम हर मंगलवार को आयोजित किया जाता
पहले दिखी हजारों की भीड़
विस्तार से समझ तो, साकार हरि को पटियाली वाले बाबा नारायण साकार हरि के नाम से भी जाना जाता है। इनके सत्संग में हमेशा ही हजारों की तादाद में लोग आते हैं। 2 साल पहले भी उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में मई, 2022 में इनके सत्संग का आयोजन किया गया था। जिला प्रशासन ने सत्संग में केवल 50 लोगों के शामिल होने की अनुमति दी गई थी, लेकिन कानून की धज्जियां उड़ाते हुए 50,000 से अधिक लोग सत्संग में शामिल हुए थे। जिससे यातायात व्यवस्था ध्वस्त हो गई थी। उस समय भी जिला प्रशासन ने आयोजकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी।
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