आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर मंगलवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देवरिया के तत्वावधान में घरेलू हिंसा से महिलाओं के संरक्षण के लिए दीनानाथ पाण्डेय राजकीय महिला पी.जी. कॉलेज देवरिया में महिला सशक्तिकरण के लिए सेमिनार एवं शपथ कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संध्या श्रीवास्तव रहीं। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमती संध्या श्रीवास्तव ने छात्राओं को घरेलू हिंसा के बारे में बताया कि पीड़ित व्यक्ति कौन हो सकता हैं, पीड़ित व्यक्ति के कौन-कौन से अधिकार हैं, घरेलू हिंसा के मामले में कौन शिकायत दर्ज करा सकता हैं आदि के बारे विस्तृत जानकारियॉ दी।
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उन्होंने बताया कि घरेलू हिंसा को वयस्क द्वारा एक रिश्ते में दुरूपयोग की गयी शक्ति दूसरे महिला को नियंत्रित करने में वर्णित किया जा सकता हैं। यह हिंसा और दुर्व्यवहार के अन्य रूपों के माध्यम से एक रिश्ते में नियंत्रण और भय की स्थापना करता हैं तथा यह हिंसा शारीरिक हमला, मनोवैज्ञानिक शोषण, सामाजिक शोषण, वित्तीय शोषण या यौन हमला का रूप ले सकती हैं।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देवरिया के प्रभारी सचिव न्यायाधीश शिवेन्द्र कुमार मिश्र ने वहॉ उपस्थित सभी छात्रों को भविष्य में होने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए आगाह किया। उन्होंने कहा कि आज प्रत्येक दूसरा घर घरेलू हिंसा का शिकार हैं, उससे बचने के लिए सभी छात्राओं को अपने विधिक अधिकारों के बारे में जानना चाहियें।
अक्सर लोग छोटी-छोटी बातों पर आपस में उलझ जाते हैं, ऐसी परिस्थितियों में आपसी समझ से विवादों को समाप्त कर लेना चाहिये। परिवार में पति-पत्नी आपसी सामंजस्य बनाकर रहें, एक-दूसरे के भावनाओं को समझें। आज समाज में घरेलू हिंसा धीरे-धीरे भयावह रूप लेता जा रहा हैं इसको समाप्त करने के लिए वहॉ उपस्थित सभी अधिकारियों को एक साथ आगे आने का आह्वान किया तथा घरेलू हिंसा न हो इसके लिए सभी छात्रों को शपथ दिलाया गया।
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सेवा निवृत्त आई.पी.एस. रतन श्रीवास्तव ने छात्रों को घरेलू हिंसा के बारे में बताते हुये कहा कि घरेलू हिंसा किसी साथी या परिवार के सदस्य के दुर्व्यवहार का पैटर्न होता हैं जो कई रूप ले सकता हैं जिसमें यह शारीरिक दुर्व्यवहार, भावनात्मक दुर्व्यवहार या आर्थिक दुर्व्यवहार भी हो सकता हैं। उन्होंने बताया कि विवाह के समय पर्याप्त दहेज न लाने के कारण भी महिलाओं का उत्पीड़न किया जाता हैं। उन्होंने घरेलू हिंसा को समाप्त करने के लिए शिक्षित होने तथा विधिक अधिकारों के जानने पर जोर दिया।