अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़ा के सचिव महंत नरेंद्र गिरि (70) की मौत को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। इस बीच उनके चेले आनंद गिरि को यूपी पुलिस हरिद्वार से प्रयागराज ले आई है। आनंद से पुलिस लाइन में पूछताछ की जा रही है।
आपको बता दें कि सोमवार को प्रयागराज के बाघंबरी मठ में नरेंद्र गिरि का शव संदिग्ध हालत में फंदे लटका मिला था। उनके सुसाइड नोट में आनंद गिरी का जिक्र है। इसलिए उत्तराखंड पुलिस ने आनंद गिरि को हरिद्वार में गिरफ्तार कर लिया था। उसके बाद यूपी पुलिस की टीम भी हरिद्वार पहुंच गई थी।
इस रहस्यमयी मौत के कारणों का भी पता नहीं चल पाया है उन्होंने मरने से पहले सुसाइड नोट में कई लोगों का जिक्र किया है।
आईये जानते है निरंजनी अखाड़ा के सचिव महंत नरेंद्र गिरि ने सुसाइड नोट में क्या लिखा है…
मैं नरेंद्र गिरि, आज मेरा मन आनंद गिरि के चलते बहुत विचलित हो गया है। आनंद गिरि मुझे बदनाम करने की कोशिश कर रहा है। आज जब मुझे सूचना मिली है कि हरिद्वार से कम्प्यूटर के जरिए आनंद गिरि लड़की की तस्वीर लगाकर मेरा कोई वीडियो वायरल करने जा रहा है, तौ मैं सोच रहा हूं कि मैं कहां जाऊंगा, यदि ऐसा हो गया तो किस किस को सच बताऊंगा। इसलिए ये कदम उठाने जा रहा हूं। मैं जिस पद पर हूं, यदि मेरा वीडियो वायरल हो गया तो मैं जिस समाज से जी रहा हूं, कैसे लोगों के सामने आऊंगा।
इससे अच्छा, मेरा मर जाना है। इससे दुखी होकर मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं। मेरी मौत के जिम्मेदार आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी, संदीप तिवारी होंगे। इन लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
ये भी लिखा गया है कि 13 सितंबर को भी उन्होंने सुसाइड के लिए कदम उठाने की कोशिश की थी, लेकिन हिम्मत नहीं जुटा पाए।
मेरी आखिरी ख़्वाहिश है कि जिस तरह से इस गद्दी पर रहते मैंने गरिमा का ख्याल रखा है। मैं चाहता हूं कि उसी तरह आगे जो नया व्यक्ति इस गद्दी को संभाले, उसका ख्याल रखे।