Noida Temple: जानिये किस हाल में है नाेएडा का वोडा महादेव मंदिर, जहां देवताओं और ऋषियों ने की थी तपस्या। नोएडा के तपो भूमि वोडा महादेव का इतिहास सैकड़ों वर्ष पुराना है. मंदिर के महंत के मुताबिक इसका उल्लेख वेदों में भी है. मान्यता है कि प्राचीन काल से यह साधु, संतों महात्माओं के तप करने की भूमि रही है और अभी भी है . यहां कुबेर और परशुराम ने भी तपस्या की है.
नोएडा के सेक्टर 100 में है स्थित वोडा महादेव मंदिर की पाैराणिक मान्यताएं हैं. सतयुग में कुबेर जी, द्वापर में परशुराम और नंदी महादेव के मुख्य गण ने यहां तपस्या की थी. इस तपोभूमि को आज लोग भूलते जा रहे हैं. जीर्णोद्धार नहीं होने के चलते पौराणिक और ऐतिहासिक तपोभूमि खंडहर में तब्दील होता जा रहाहै. स्थानीय लाेगाें में इसे लेकर काफी आक्राेश है. इसलिए वे यहां तक कहते हैं कि इस तपोभूमि की बदहाली सिर्फ इसलिए है, क्योंकि इस प्राकृतिक व प्राचीन तीर्थ स्थान का जिक्र राजनीतिक गलियारे में नहीं हुआ है.
वोडा महादेव मंदिर के महंत का कहना है कि मंदिर के नाम पर नेता वोट जरूर मांगते हैं, पर मंदिर की देखरेख के नाम पर कभी झांकने भी नहीं आते हैं. मंदिर में लगे सिलापट पर साफ शब्दों में लिखा है यह तीर्थ स्थान प्राकृतिक एवं प्राचीन है. सतयुग में यहां पर श्री कुबेर जी ने तपस्या की थी, द्वापर युग में इस तपोभूमि पर श्री परशुराम जी ने घोर तपस्या की थी. वही मनसा देवी के पुत्र वोडा ने इस महादेव मंदिर की स्थापना की थी.
इसके साथ ही दूसरी तरफ लिखा हुआ है कि पौराणिक प्रमाणों के अनुसार सिद्ध श्री नंदी जी द्वापर युग कालीन 6000 वर्ष प्राचीन है हमारे देश के नेता धर्म और मंदिर के नाम पर राजनीति करते हैं पर पौराणिक मंदिरों के जीर्णोद्धार रेवेनु के संबंध में कभी आगे नहीं आते हैं।
यहां रहने वाले तमाम साधु संतों के विश्राम की कोई व्यवस्था नहीं है. बरसात में छत टपकती है. यहां बड़ी संख्या में गाय थीं पर गाेशाला की उचित व्यवस्था नहीं होने के चलते सभी गायो को अन्य स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया. इस मंदिर की तरफ अगर शासन-प्रशासन से या जनप्रतिनिधि ने जल्द ध्यान नहीं दिया तो यह प्राचीन धरोहर बहुत जल्द खंडहर में तब्दील हो जाएगा.