Rescue Operation: जांजगीर जिले के पीढ़ित गांव में बीते शुक्रवार की दोपहर अपने ही घर पास बोरवेल में गिरे 11 साल के राहुल साहू को आखिरकार 105 घंटे के कड़ी मशक्कत के बाद 65 फ़ीट गहरे बोरवेल से राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), सेना और पुलिसकर्मियों सहित बचाव दल बच्चे को निकालने में कामयाब रहे। बोरवेल से निकालने के बाद राहुल को मौके पर मौजूद डॉक्टरों ने जाँच की और फिर उसे विशेष डॉक्टरों की निगरानी में एम्बुलेंस के जरिया बिलासपुर जिले के अपोलो अस्पताल में भेजा गया। इसके लिए लगभग 100 किलोमीटर लम्बा कॉरिडोर बनाया गया था।
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जांजगीर के कलेक्टर जितेन्द्र शुक्ला ने बताया कि राहुल के साथ एक सांप और मेढक भी बोरवेल में थे. इसकी वजह राहुल को लेकर चिंता बनी हुई थी. इससे पहले रात दस बजे के करीब छ्त्तीसगढ़ सीएमओ ने अपने एक ट्वीट में बताया था कि चट्टानों को हटाने के बाद अब बचाव दल बोरवेल तक पहुंच गया है और राहुल नज़र आने लगा है. पिछले 4 दिन से बचाव अभियान जारी था. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), सेना और पुलिसकर्मियों सहित बचाव दल बच्चे तक पहुंचने के लिए समानांतर गड्ढे से सुरंग बनाई थी. एनडीआरएफ, सेना, स्थानीय पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों सहित 500 से अधिक कर्मी शुक्रवार शाम से व्यापक बचाव अभियान में जुटे हुए थे. राहुल साहू शुक्रवार दोपहर करीब दो बजे मलखरोदा विकासखंड के पिहरिड गांव में अपने घर के पीछे में 68 फुट गहरे बोरवेल में गिर गया था.
बोरवेल में आ गया था सांप
छत्तीसगढ़ सीएमओ की ओर से मंगलवार की रात करीब सवा 11 बजे जारी एक ट्वीट में बताया गया कि “अंततः राहुल ने आंखे खोली. बचाव दल को देखकर राहुल ने प्रसन्नता जाहिर की और अपनी आंखें खोली है. इस ऑपरेशन में एक चौंका देने वाली घटना घटी, आज शाम उस बोरवेल में एक सांप आ गया था, लेकिन राहुल की जीवटता से वह खतरा भी टल गया.