Bihar के भागलपुर में निर्माणाधीन अगुवानी-सुल्तानगंज पुल गिर गया। स्थानीय लोगों ने पुल गिरने की घटना का वीडियो बनाया। यह दूसरी बार है जब पुल गिरा है। अभी इसमें किसी के हताहत होने की सूचना नहीं मिली है। पल गिरने के तुरंत बाद इस पर राजनीति भी शुरू हो गई है।
पुल गिरने की घटना पर Bihar के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मीडिया से कह, जब इससे पहले भी पुल गिरने की घटना हुई थी, तब भी हम आशंका में थे कि हमें सभी सेगमेंट की जांच करानी चाहिए। रिव्यू मीटिंग भी की गई। IIT रुड़की ने 30 अप्रैल 2022 में पुल गिरने का कारण आंधी तूफान बताया। हमें इसके डिजाइन में पहले से ही फॉल्ट था, इसे पूरे तरीके से ध्वस्त करके फिर से कार्य प्रारंभ करने का हमारा निर्णय था।
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वही पटना के सड़क निर्माण विभाग एसीएस प्रत्यय अमृत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, हम पहले क्लीयर थे कि इस ब्रिज को नए सिरे बनाने में किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा, IIT रुड़की की एक रिपोर्ट आ गई है इस मामले में पूरी रिपोर्ट आ जाएगी। इस कार्य के लिए संवेदक के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई होगी।
इस घटना पर सुल्तानगंज के जदयू विधायक ललित नारायण मंडल ने कहा, यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। हमें तो उम्मीद थी कि पुल का उद्घाटन इस साल के अंत में नवंबर-दिसंबर तक हो जाएगा। मामले की जांच होगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
डीडीसी भागलपुर कुमार अनुराग ने ANI से कहा, “निर्माणाधीन पुल गिरने की घटना शाम करीब 6 बजे हुई। अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। स्थानीय प्रशासन मौके पर है, हमने पुल निर्माण निगम से रिपोर्ट मांगी है।”
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निर्माणाधीन पुल गिरने पर Bihar के नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने सरकार पर निशाना साधा उन्होंने कहा, नीयत में जब खोट होगा तो नीति कैसे सफल होगी। एक बार सुलतानगंज के तरफ पुल गिरा था और आज खगड़िया की ओर गिरा है। कई पुल पुर्णिया में भी गिरे हैं, बिहार के अंदर यह कमीशनखोरी की प्रथा गुणवत्ता विहीन काम चरम पर है। जिसकी छवि दिखाई दे रही है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा, पुल गिरने की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह पुल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया, इसकी जांच होनी चाहिए। बिहार सरकार धृतराष्ट्र की तरह आंख बंद न कर सभी पुल की सुरक्षा जांच कराएं।