UP News: उत्तराखंड की अपर मुख्य सचिव गृह ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि किसी निर्दोष को पकड़ना गलत है। कई बार यूपी पुलिस क्या करती है किसी निर्दोष को पकड़कर कहती है कि हमने केस को सोल्वे कर दिया। उन्होंने ने आगे कहा कि अगर आप एक निर्दोष व्यक्ति को सजा देंगे तो उससे 99 और अपराधी पैदा होंगे। अपराध कि सही-सही विवेचना होनी चाहिए और सही लोगों को सजा मिलनी चाहिए।
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इसका जवाब देते हुए लखनऊ के ADG कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि उत्तराखंड के ACS गृह का बयान देखा और सुना है। ये बयान खेद जनक है और तथ्यों पर आधारित नहीं है। ACS गृह उत्तराखंड ने बिना तथ्यों के जानकारी के एक गैर जिम्मेदाराना बयान दिया है। किसी भी सिविल सर्वेंट को इस तरह के बयान से बचाना चाहिए। जबकि देश के सबसे बड़े राज्य, सबसे संवेदनशील राज्य से जुड़ा मुद्दा हो, ये बयान खेद जनक है और तथ्यों पर आधारित नहीं है।
क्या ACS गृह को मुख़्तार अंसारी एवं विजय मिश्रा जिसको माननीय न्यायलय ने सजा दी है वो निर्दोष लगते हैं ? क्या ज़फर जो एक खनन माफिया है तथा जिसपे पहले से ही एक लाख का ईनाम है तथा वो वांछित चल रहा था या उधम सिंह नगर का रहने वाला ब्लॉक प्रमुख निर्दोष लगते हैं। उत्तर प्रदेश के पुलिस ने पुरे देश में अपराध और अपराधियों प्रति कार्यवाई करके एक नजीब पेश किया है। एअसे स्थिति में इस तरह का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है।
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उत्तर प्रदेश पुलिस ने PFI जजों एक प्रतिबंधित संगठन है उसके प्रति भी कड़ी कार्यवाई की है। उन्होंने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस उत्तराखंड सरकार से मांग करती है कि इस तरह के गैरजिम्मेदाराना बयान तथा तथ्यहीन बयानों पर तत्काल रोक लगाई जाय। उत्तर प्रदेश पुलिस इस तरह के गैरजिम्मेदाराना बयान कि कड़ी निंदा करती है।