UPPCS J: उत्तर प्रदेश में PCS जूडिशियल परीक्षा में हुई धांधली की घटना के संदर्भ में नवीनतम विकासों के बारे में सूचना मिली है। इस परीक्षा में 50 कॉपियां बदली गई थीं, जिसकी जांच यूपी लोक सेवा आयोग ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में स्वीकार की है। आरोप है कि रिश्वत लेकर अभ्यर्थियों को पास करवाने का भी हुआ है।
3 जूयियर अधिकारी हुए सस्पेंड
इस मामले में तीन जूनियर अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है और अगली सुनवाई 8 जुलाई को हाईकोर्ट में होगी। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने एक अभ्यर्थी की आंसर शीट बदलने के मामले में पांच अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। यूपीपीएससी का अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि इस मामले की जांच में लापरवाही करने वाले अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है।
18,042 आंसर शीट की जांच
पीसीएस (जेड) मुख्य परीक्षा 2022 के अभ्यर्थी श्रवण पांडेय ने आरटीआई के माध्यम से अपनी आंसर शीट में गड़बड़ी का आरोप लगाया और हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने 5 जून 2024 को यूपीपीएससी को उस अभ्यर्थी के छह प्रश्नपत्रों की आंसर शीट कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया था। इसके बाद आयोग ने सम्मिलित 3,019 अभ्यर्थियों की 18,042 आंसर शीट की जांच करने का निर्णय लिया है।
इसके बाद आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत ने प्रदेश अनुभाग अधिकारी शिव शंकर, समीक्षा अधिकारी नीलम शुक्ला और सहायक समीक्षा अधिकारी भगवती देवी को निलंबित कर दिया।
बता दें कि , यूपी न्यायिक सेवा सिविल जज (मुख्य) परीक्षा 2022 का आयोजन 22 से 25 मई 2023 के बीच किया गया था, जिसके फाइनल रिजल्ट 30 अगस्त को घोषित किया गया था। वर्तमान में अभ्यर्थियों को उनकी कॉपियां 30 जुलाई तक दिखाई जा रही हैं।
अंग्रेजी विषय की बदली गई कॉपियां
आयोग के अनुसार, गलत कोडिंग के कारण बदली गई सभी कॉपियां अंग्रेजी विषय की थीं। अंग्रेजी का प्रश्नपत्र 100 अंकों का था। इसके बदले जाने से एग्जाम का रिजल्ट भी प्रभावित हो सकता है। फिलहाल, अभी इसकी जांच चल रही है। PCS-J परीक्षा- 2022 के तहत 302 पदों पर अभ्यर्थियों का चयन किया गया, जिन्हें नियुक्ति भी मिल चुकी है। परिणाम प्रभावित होता है, तो आयोग को कुछ नए अभ्यर्थियों के इंटरव्यू अलग से कराने पड़ सकते हैं।
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लोकसेवा आयोग सचिव ने कहा- भविष्य में ऐसी गलती न हो…
लोकसेवा आयोग के सचिव अशोक कुमार ने कहा- मानवीय भूल के कारण कॉपियों के बंडल में गलत कोडिंग हो गई थी। आयोग ने इस पर सख्त कदम उठाया। दोषी अफसरों पर कार्रवाई की। भविष्य में ऐसी गलती न हो, इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे।
कैसे हुई इस केस की शुरूआत
जानकारी के मुताबिक, UPPCS-J 2022 की मेंस परीक्षा में असफल अभ्यर्थी श्रवण कुमार ने अपनी कॉपी देखने के लिए RTI लगाई। कॉपी देखने के बाद श्रवण कुमार ने आरोप लगाया था कि उनकी अंग्रेजी विषय की कॉपी में हैंड राइटिंग बदली गई। इतना ही नहीं, एक अन्य उत्तर पुस्तिका के पन्ने फाड़े गए हैं। इस वजह से अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा में सफल नहीं हो पाया था। जिसके बाद अभ्यर्थी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की। आयोग ने हाईकोर्ट में हलफनामा दिया और बताया कि मुख्य परीक्षा में शामिल सभी 3019 अभ्यर्थियों की 18042 कॉपियों की जांच कराई जा रही है। जानकारी में यह भी पता चला कि कॉपियां आपस में बदली गई थी।
अगली सुनवाई 8 जुलाई को
श्रवण पांडेय की इस याचिका की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एसडी सिंह तथा न्यायमूर्ति अनीस कुमार गुप्ता की खंडपीठ कर रही है। इस मामले को गंभीर लिया जा रहा है। लोक सेवा आयोग के चेयरमैन को बेहतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। वहीं, याचिका की अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी।
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