पहले बीजेपी के साथ सीटों के लिए संघर्ष और अब टिकटों के बंटवारे को लेकर निषाद पार्टी के भीतर संग्राम मच गया है. बीते दिन गोरखपुर में निषाद पार्टी के दफ्तर के बाहर और भीतर जमकर हो-हंगामा हुआ। निषाद पार्टी के मुखिया डॉ संजय निषाद ने कल शाम अपने 6 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की और कई सीटों पर उम्मीदवारों के नाम देखकर पार्टी के भीतर ही बवाल शुरू हो गया। गोरखपुर ग्रामीण से सरवन निषाद को उम्मीदवार ना बनाए जाने से कार्यकर्ता नाराज है।
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आपको बता दें कि सबसे पहले निषाद बाहुल्य गोरखपुर ग्रामीण सीट पर ही हंगामा खड़ा हो गया। पार्टी के कार्यकर्ताओं की मांग थी कि उस सीट से संजय निषाद के बेटे सरवन निषाद को टिकट मिले। पार्टी ने यही वादा भी किया था लेकिन नई लिस्ट में गोरखपुर ग्रामीण से सरवन निषाद का नाम नहीं है. जिसके बाद कार्यकर्ता हंगामा करने लगे। महिला कार्यकर्ताओं ने सीधी धमकी दी कि सरवन निषाद को गोरखपुर ग्रामीण से उम्मीदवार नहीं बनाया तो उनका वोट निषाद पार्टी को नहीं मिलेगा।
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चौरीचौरी सीट को लेकर भी बवाल
छोटी सी पार्टी चुनाव के बीच बड़ी मुसीबत में उलझ गई है, सरवन निषाद को गोरखपुर ग्रामीण के बदले चौरीचौरा सीट से चुनाव में उतारा जा रहा है। उधर चौरीचौरी सीट से टिकट की उम्मीद लगाए नेताजी के लोग भी भड़क गए हैं। ईश्वर चंद जायसवाल के समर्थकों ने संजय निषाद और उनके बेटे सरवन निषाद का पुतला फूंककर अपना गुस्सा निकाला।
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डॉ संजय निषाद ने कहा कार्यकर्ता को समझा लेंगे.
हालांकि कार्यकर्ताओं की नाराजगी के बीच पार्टी ऑफिस में ही बैठे डॉ संजय निषाद को लगता है कि ये सब कोई बड़ा मामला नहीं है और वो कार्यकर्ताओं को समझा लेंगे। संजय निषाद ने कहा, ”इस बात की उम्मीद रही थी कि गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा सीट से सरवन निषाद को टिकट मिलेगा। लेकिन वे भाजपा के सहयोगी दल हैं. बड़े भाई ने जहां से टिकट दिया है, वहां से चुनाव मैदान में उतरेंगे। कार्यकर्ताओं की जहां तक बात है उन्हें किसी तरह से मना लिया जाएगा.”