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Uttar Pradesh: बिहार के अररिया से संदिग्ध रूप से सहारनपुर ले जाए जा रहे 93 विशेष समुदाय के नाबालिग बच्चों को शुक्रवार को पुलिस ने अपने कब्जे में लिया है। इन बच्चों में 5 से 12 साल के बच्चे थे। सभी बच्चों को अयोध्या के एनएच 27 से ले जाया जा रहा था, लेकिन राज्य बाल आयोग की सूचना के बाद पुलिस ने इस कार्रवाई की। इन बच्चों को अयोध्या के देवकली चौराहे के पास एक बस से चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के लोगों ने रेस्क्यू किया। बच्चों को फिलहाल शेल्टर होम में रखा जा रहा है।बस में इन बच्चों को जानवरों की तरह ठूस-ठूस कर भरा गया था।

बड़े साजिशा की आशंका

एनएच 27 पर अधिकारियों ने बस को बच्चों समेत पकड़ा है। मौजूदा में ड्राइवर और मौलवियों से पुलिस पूछताछ कर रही है। बताया जा रहा है कि बस में नेपाल बॉर्डर के करीब के भी बहुत सारे बच्चे मौजूद हैं। इनमें ज्यादातर बच्चे बेहद गरीब परिवार से हैं और कुछ तो अपने माता-पिता के बिना हैं। चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के सदस्यों का कहना है कि इन बच्चों में से कई के आधार कार्ड फर्जी हो सकते हैं। यह मामला बड़ी साजिश का हिस्सा भी हो सकता है।

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बच्चों को अवैध तरीके लजाया गया

इन बच्चों को धार्मिक कट्टरता की शिक्षा देने के लिए ले जाने का अंदेशा लगाया जा रहा था। उत्तर प्रदेश के देवबंद के किसी मदरसे में इन्हें दाखिल करने की तैयारी थी, परंतु बिहार बाल आयोग और पुलिस की सूचना के बाद इन बच्चों को बरामद कर लिया गया। अयोध्या में इन बच्चों का मेडिकल टेस्ट कराया जा रहा है और उनके घर वालों से संपर्क किया जा रहा है।

सदस्य डाॅ. शुचिता चतुर्वेदी ने मिशन मुक्ति फाउंडेशन की सूचना पर बिहार के अररिया और पूर्णिया से लाए जा रहे बच्चों को सुरक्षित बचाने का कार्य किया। बाल कल्याण समिति की सदस्य डॉ. शुचिता चतुर्वेदी को सूचना मिली थी कि बिहार के अररिया और पूर्णिया से सहारनपुर के देवबंद में कई बच्चों को अवैध तरीके से ले जाया जा रहा है, जिस पर वह आगे की कार्रवाई की।

चाइल्ड वेलफेयर कमेटी दी जानकारी

चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की सदस्य ने बताया कि बच्चों को लेकर जा रहे शख्स ने पूछताछ में कहा कि ये भाई-भाई हैं, लेकिन किसी को नहीं पता कि कौन किसका भाई है। बच्चों को कुछ भी नहीं पता। अब हम कैसे भरोसा करें। बच्चा जो बोलेगा, वही हम मानेंगे. यह एक बड़ा घोटाला भी हो सकता है। क्या पता पहले से बच्चों को समझाया गया हो कि अगर दिक्कत हो कहीं तो यह बताना. लेकिन सब बच्चों का दिमाग एक जैसा नहीं होता। कभी-कभी उनके दिमाग से चीज निकल जाती है और दिमाग में जो रहता है।

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