Kushinagar: जिले के खड्डा विधानसभा इलाके से होकर बहने वाली नारायणी नदी का जलस्तर इन दिनों कम है। महज कुछ महीने बाद आने वाली बाढ़ से की विभीषिका से नदी पार महदेवा गाँव ग्रामीण सहमे हुए है। नारायणी का रुख गाव की तरफ आता देख ग्रामीणों ने सभी के दरवाजों पर बंधा बंधवाने की गुहार लगाई है।
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नेताओ और अधिकारियों के झूठे आश्वाशनो के कारण ग्रामीणों का सरकार से भी उम्मीद खत्म हो गयी हैं। उपजिलाधिकारी खड्डा ने अधिकारीओ से बांधे बचाने के लिए निर्देश दिया हैं।
नेपाल के वाल्मीकिनगर बैराज से निकलने वाली नारायणी नदी बाढ़ के समय कुशीनगर में जबरदस्त कहर बर्फबारी है। खड्डा इलाके में स्थित पनियहवा पुल के पूरब बसे गाँव महदेवा के लोग नदी के रुख को देख काफी परेशान हैं। पिछले चार सालों से नदी का रुख महादेवा गाँव के खेतों की तरफ हुआ तभी से ग्रामीण अधिकारीओ और नेटवक चक्कर लगाने लगे। किसी ने उनकी मांगों पर गम्भीरता नही दिखाई। किसानों के खेत नदी ने अपने अंदर विलीन कर लिया।
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अब नदी का रुख महदेवा गाँव की तरफ हो गया हैं। हालांकि इन दिनों नदी का जलस्तर कॉफी कम हैं पर सरकार और नेता आँखे मूंदे हुए है। लेकिन जब बाढ़ अपने चरम पर होगी तो ग्रामीण नदी के कटान और पानी से बेघर हो जाते हैं । ऊँचे सड़क पर खानाबदोश की जिंदगी बिताने को विवश ग्रामीणों को राहत सामग्री बाट नेता फ़ोटो खिंचवाते है । विभागीय अधिकारी गाँव बचाने के नाम पर करोङो का खेल कर जाते।
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