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Ankita Bhandari Murder Case: उत्तराखंड पुलिस ने सरकार और पुलिस के प्रति लोगों के बीच अविश्वास पैदा करने के प्रयास के आरोप में एक समाचार पोर्टल के संचालक को गिरफ्तार किया हैं। राज्य पुलिस ने कहा कि उत्तराखंड पुलिस ने विशेष रूप से अंकिता भंडारी की हत्या के मामले में सरकार और पुलिस के प्रति लोगों के बीच अविश्वास पैदा करने के प्रयास के आरोप में एक समाचार पोर्टल के संचालक आशुतोष नेगी को गिरफ्तार किया गया है।

उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने एएनआई को बताया कि पौड़ी गढ़वाल पुलिस ने नेगी को गिरफ्तार कर लिया है क्योंकि वह सितंबर 2022 में 19 वर्षीय भंडारी की हत्या के मामले में जनता के बीच अविश्वास पैदा करने की कोशिश कर रहे थे, अंकिता ऋषिकेश में रिसॉर्ट में एक रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम करती थी।

उत्तराखंड डीजी ने कहा कि मामले की जांच कर रही विशेष जांच टीम द्वारा आरोप पत्र दायर करने के बाद मामला अदालत में लंबित है। पुलिस के आला अधिकारी ने कहा कि मामले में चल रही सुनवाई के बावजूद हर दिन भड़काऊ बयान देकर सरकार और पुलिस के प्रति अविश्वास की भावना पैदा करने की कोशिश की जा रही है। नेगी पर पहले से ही एससी/एसटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज हैं। हालाँकि गिरफ्तारी के दौरान पुलिसकर्मियों के साथ हाथापाई के बाद उनके खिलाफ एक नया मामला दर्ज किया गया है। डीजीपी कुमार ने कहा कि नेगी को 5 मार्च को गिरफ्तार किया गया था।

“उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक ने कहा, “आशुतोष नेगी बिना किसी सबूत के उत्पात मचा रहा था, “मामले में उसकी संलिप्तता की भी जांच की जा रही है। अफवाहें फैलाने में पुलिसकर्मियों की भूमिका का भी पता लगाया जा रहा है। ऐसे पुलिसकर्मी की भी जांच में दोषी पाए जाने पर उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

डीजीपी ने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार ने उत्तराखंड पुलिस को हत्याकांड की निष्पक्ष और निडर होकर जांच करने की पूरी छूट दी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जांच के दौरान कोई बाहरी दबाव नहीं था और मुख्यमंत्री ने इस प्रक्रिया का पूरा समर्थन किया। डीजीपी ने कहा, “उत्तराखंड पुलिस अंकिता भंडारी को न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और न्याय मिलने तक अपने प्रयास जारी रखेगी।”

‘डीजीपी ने कहा, ”जो लोग आशुतोष नेगी की गिरफ्तारी पर सरकार पर अस्पष्ट आरोप लगा रहे हैं, वे या तो भावनाओं में बह रहे हैं या उनका अपना कोई एजेंडा है। अंकिता भंडारी हत्याकांड की जांच के दौरान उत्तराखंड पुलिस किसी भी तरह के दबाव में नहीं थी।” हमें सरकार और मुख्यमंत्री का पूरा समर्थन मिला। राज्य पुलिस ने निष्पक्ष और साहसिक जांच की है।

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आपको बतादें कि अंकिता भंडारी का शव 24 सितंबर को ऋषिकेश में चीला नहर से बरामद किया गया था। अधिकारियों को उसका शव मिलने से पहले वह कम से कम छह दिनों तक लापता बताई गई थी। पुलिस उपमहानिरीक्षक पी.रेणुका देवी की अध्यक्षता में एक एसआईटी मामले की जांच कर रही है।

अंकिता भाजपा से निष्कासित नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य द्वारा संचालित एक रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम करती थी। पुलकित आर्य को झगड़े के बाद कथित तौर पर नहर में धक्का देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। मामले में दो और लोगों – अंकित गुप्ता और सौरभ भास्कर को भी गिरफ्तार किया गया था।

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