Kuno National Park: अफ्रीका से लाए गए नर चीता सूरज की शुक्रवार को मध्यप्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में मौत हो गई। वन अधिकारियों ने यह जानकारी दी। इस साल मार्च से श्योपुर जिले के पार्क में मरने वाले चीतों की संख्या आठ हो गई है। तीन दिन पहले ही पार्क में अफ्रीका से लाए गए नर चीते तेजस की मौत हो गयी थी।
अधिकारी ने बताया कि सूरज को शुक्रवार सुबह एक निगरानी टीम ने पालपुर पूर्वी वन रेंज के मसावनी बीट में पड़ा हुआ पाया। उन्होंने बताया कि जब वे उसके पास गए तो उन्होंने देखा कि कीड़े उसकी गर्दन पर मंडरा रहे थे लेकिन वह फिर उठकर भाग गया।
पीठ और गर्दन पर थे चोट के निशान
अधिकारी ने बताया कि पशु चिकित्सकों और वन अधिकारियों की एक टीम मौके पर पहुंची और सुबह करीब नौ बजे चीता मृत पाया गया। उन्होंने कहा, ‘यह पहली बार है कि मुक्त क्षेत्र में किसी चीते की मौत हुई है।’ अधिकारी ने कहा कि उसकी पीठ और गर्दन पर चोट के निशान थे।
वहीं बीते 11 जुलाई को मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में एक और नर चीते की मौत हो गई थी। नर चीता तेजस मॉनिटरिंग टीम को घायल अवस्था में मिला था। इसके बाद उसका इलाज किया गया था लेकिन उसे बाद भी उसकी जान नहीं बच पाई। तेजस की मौत के बाद कूनो नेशनल पार्क में 4 चीते और 3 शावक बचे थे।
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नर चीता तेजस की मौत के एक दिन बाद उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि वह ‘‘आंतरिक रूप से कमजोर’’ था और मादा चीता के साथ हिंसक लड़ाई के बाद ‘‘सदमे’’ से उबर नहीं पाया। मार्च से अब तक केएनपी में सात चीतों की मौत हो चुकी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीते का वजन लगभग 43 किलोग्राम था, जो सामान्य नर चीते के वजन से कम है और उसके शरीर के आंतरिक अंग ठीक से काम नहीं कर रहे थे। इसमें कहा गया है कि ऐसी स्थिति में उसके स्वस्थ होने की संभावना काफी कम थी। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘मौत का प्रथम दृष्टया कारण घातक सदमा है।’