Bihar: बिहार में गुरुवार (20 नवंबर) को एक ऐतिहासिक क्षण देखने को मिला, जब नीतीश कुमार ने रिकॉर्ड 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। नई कैबिनेट में कुल 26 मंत्रियों को शामिल किया गया है। इनमें कई चौंकाने वाले नाम हैं, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा जिस व्यक्ति की हो रही है, वह हैं दीपक प्रकाश।
कौन हैं दीपक प्रकाश? राजनीति में अनजान चेहरा
दीपक प्रकाश बिहार की राजनीति में अभी तक एक अनजाना नाम रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार वे हाल ही में विदेश में पढ़ाई कर भारत लौटे हैं। पब्लिक और पॉलिटिकल लाइफ में कम सक्रिय रहने के कारण उनके बारे में बहुत कम जानकारी सामने आ पाई है। दरअसल, दीपक प्रकाश कोई साधारण शख्स नहीं, बल्कि राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) के संस्थापक उपेंद्र कुशवाहा के बेटे हैं। उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा, फिर भी सीट बंटवारे के समझौते के तहत उन्हें विधान परिषद कोटे से मंत्री बनाया गया है।
उपेंद्र कुशवाहा की नाराजगी और दिल्ली कनेक्शन
चुनाव घोषणा पत्र और सीट बंटवारे को लेकर उपेंद्र कुशवाहा ने कई बार नाराजगी जताई थी। पटना में बातचीत न सुलझने पर वे दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से भी मिले थे। इन्हीं बैठकों के दौरान रालोमो को 6 सीटों के साथ एक अतिरिक्त MLC देने का वादा किया गया था।
पहले चर्चा थी कि उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता कुशवाहा मंत्री बनेंगी, लेकिन अंत में जगह दीपक को दी गई।
लव-कुश समीकरण साधने की बड़ी कोशिश
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि दीपक की एंट्री NDA के अंदर कुर्मी-कुशवाहा (लव-कुश) जातीय समीकरण को मजबूत करने के लिए रणनीतिक कदम है। नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा दोनों ही इस सोशल ग्रुप के प्रमुख चेहरे हैं, और यह गठबंधन के लिए बड़ा वोट बैंक रहा है।
मंत्रिपरिषद में NDA की सीट वितरण
नई बिहार कैबिनेट में NDA के अंदर सीटों का बंटवारा इस प्रकार हुआ है—
- BJP – 14 मंत्री
- JDU – 8 मंत्री
- लोजपा (रामविलास) – 2 मंत्री
- रालोमो – 1 मंत्री
- हम (हमाद) – 1 मंत्री
- ब्राह्मण प्रतिनिधित्व में कमी
इस बार मंत्री परिषद में ब्राह्मण समुदाय की हिस्सेदारी काफी घट गई है। पिछली बार BJP से मंगल पांडे और नीतीश मिश्रा मंत्री थे, लेकिन इस बार केवल मंगल पांडे को ही जगह मिली है।
राजपूत समुदाय को मिला सबसे अधिक प्रतिनिधित्व
राजपूत समाज को इस नई कैबिनेट में सबसे अधिक तवज्जो दी गई है। BJP ने अपने प्रमुख नेताओं, संजय सिंह टाइगर, श्रेयसी सिंह, लेसी सिंह और संजय सिंह को शामिल कर अपने पारंपरिक वोट बेस को मजबूत करने का संकेत दिया है।
भूमिहार और कायस्थ समुदाय का संतुलन
भूमिहार वोट बैंक को संतुलित रखने के लिए विजय कुमार सिन्हा और विजय कुमार चौधरी दोनों को जगह मिली है। कायस्थ समुदाय का प्रतिनिधित्व भी महत्वपूर्ण माना जाता है। BJP ने नितिन नवीन को मंत्री बनाकर शहरी वोटरों और मध्यमवर्गीय तबके तक पहुंच मजबूत करने का प्रयास किया है।
पिछड़े वर्ग को मिला पर्याप्त प्रतिनिधित्व
बिहार की राजनीति में पिछड़ा वर्ग सबसे प्रभावशाली समूह है। NDA ने इसमें संतुलन बनाते हुए सम्राट चौधरी को उपमुख्यमंत्री, दीपक प्रकाश को मंत्री बनाकर कुशवाहा समाज को संदेश दिया है। यादव समुदाय से रामकृपाल यादव और विजेंद्र प्रसाद यादव को शामिल कर NDA ने RJD के पारंपरिक वोट बैंक पर भी रणनीतिक चोट की है।
