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Dinosaur: मैक्सिको के जंगल से एक वीडियो सामने आया है जिसमे के सारे छोटे-छोटे डायनासोर दिख रहे है। ये डायनासोर वैसे ही चल रहे हैं जैसे प्राचीन काल में वे चलते थे। ये डायनासोर वैसे ही दिखते है है जैसे आप फिल्मो में देखते हैं। डायनासोर करोड़ों वर्ष पहले एस्टेरॉयड के टक्कर से ख़त्म हो गए थे। जो डायनासोर करोड़ों वर्ष पहले ख़त्म हो गए थे वो वापस ये कैसे आ गए ये किसी को नहीं पता है।

दरअसल, ट्विटर पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमे मैक्सिको के जंगल में एक छोटी सी नदी के एक किनारे से दूसरे किनारे पर छोटे-छोटे डायनासोर जा रहे है। ये सारे एक झुंड में में जा रहे हैं। इनमे कुछ छोटे है तो कुछ बड़े आकर के हैं। वीडियो में इनका रंग स्पष्ट नहीं हो पा रहा है लेकिन ये काळा और गाढ़े भूरे के प्रतीत हो रहे हैं। वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ कि गर्दन लम्बी है तो कुछ की छोटी है। इनके पिछले हिस्से में पूंछ नहीं है।

https://twitter.com/i/status/1601220629520580608

वीडियो में डायनासोर जैसे दिख रहे ये ये जिव डायनासोर नहीं है बल्कि नेवले की एक प्रजाति है जो दक्षिण अमेरिका, मध्य अमेरिका मैक्सिको और दक्षिण पश्चिम-अमेरिका में पाए जाते है। इनका नाम है कोएटिस या कोएटिमुंडिस है। इनका नाम ब्राजील के तुपियन भाषा से लिया है। कोइटिस13 से 27 इंच लम्बे हो सकते हैं। ये पूरी तेजी से उल्टा चलने में माहिर है।

इनकी (कोइटिस) पूंछ इनके शरीर से भी बड़ा होता है कभी-कभी इनकी पूंछ इनके शरीर से के बराबर होता है। इनका वजन लगभग 2 से 8 किलोग्राम तक होता है। नर कोएटिस आकर में मादा कोएटिस से बड़ा होते है। इनका शरीर नेवले की तरह हल्का, लचीला और तेज़ दौड़ने वाला होता है। इनकी सबसे बड़ी खासियत ये होती है कि ये अपनी पूंछ हवा में लहराते हुए बिना देखे पीछे की ओर तेज़ी से दौड़ सकते हैं। अगर इनके पंजे की बात करें तो इनके पंजे भालू और रकून की तरह होते है जबकि इनका मुँह सूअर के थूथन की तरह होता है।

इनके पीछे बिना देखे चलने की काबिलियत लोगों को गुमराह करती है। जब ये पूंछ उठाकर पीछे की तरफ चलते है तो ऐसा लगता है की डायनासोर चल रहे हैं। ये ज्यादा हल्का गर्म और नमी वाले इलाके में रहना पसंद करते हैं। अगर इनके उम्र की बात करें तो इनकी उम्र लगभग 7 साल होती है अगर कोई जानवर इनका शिकार न करे तो वही अगर इन्हे चिड़ियाघर में रखा जाये तो इनकी जिंदगी बढ़कर 10 साल तक हो सकती है।

कोएटिस मांसाहारी और शाकाहारी दोनों ही तरह के होते हैं। ये जमीन पर पड़ा कचरा, अकशेरुकीय जीव, टैरेंटुला मकड़ी, फल, चिड़ियों के अंडे, छिपकलियां, चूहे आदि भी खा जाते हैं. कई बार तो मगरमच्छ के अंडे भी खा लेते हैं. इनका समूह 25 से उससे कम सदस्यों का होता है. ये जिस भी जगह से निकलते हैं, वहां तेजी से भागते हैं. बहुत शोर मचाते हैं. नर मादाओं के पास तभी जाता है जब उसे प्रजनन करना होता है, या मादा भी उसे तभी बुलाती है।

By Javed

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