Gorakhpur: मुख्यमंत्री के शहर गोरखपुर से एक इंसानियत को शर्मशार करने वाला ऐसा मामला सामने आया है जिसे जानने के बाद हर इंसान के आँखों में आंसू आ जायेगा। यहाँ बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार कोई एक जिन्दा बच्ची मिली। बच्ची के पास से उसके पिता का एक भावुक पत्र भी मिला है।
उस पत्र में पिता ने लिखा था- मुझे ढूंढने की कोशिश न कीजिएगा, क्योंकि मेरे पास दूसरा कोई रास्ता नहीं है। बेटी का दिमाग सिकुड़ गया है, झटका आता है। सबसे पहले इसके कान का इलाज कर दीजिएगा। मेरी बेटी मुझे माफ करना।
पत्र में आगे लिखा था- डॉक्टर साहब मुझे माफ़ कीजियेगा। मेरी बिटिया कभी ठीक नहीं हो पायेगी इसलिए दिल पर पत्थर रखकर हॉस्पिटल में दे रहा हूँ कि मेरी बेटी कि वजह से दूसरे बच्चों को जान बच जाएगी। बेटी हर अंग किसी दूसरे बच्चे को लगा दीजियेगा।
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दरअसल बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज 100 नंबर वार्ड (पुराना बल रोग विभाग) के पास 2 वर्षीय मासूम बच्ची को उसके परिजन छोड़कर चले गए थे। सुबह वहां सफाई कर रही नज़मा ने बच्ची को रोटा हुआ देखा तो आस-पास के लोगों से उसके बारे में मालूम करने कि कोशिश की।
लगभग 2 घंटे खोजबीन करने के बाद जब बच्ची के परिजनों को कुछ पता नहीं चला तो नज़मा ने इसकी सूचना पुलिस को दी। बच्ची के साथ एक झोले में 2 जोड़ी कपड़े, एक जोड़ी हवाई चप्पल और पिता की तरफ से छोड़ा हुआ भावुक पत्र मिला।
BRD मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राम कुमार जायसवाल ने बताया कि हॉस्पिटल और प्रबंधन ऐसे ही जरुरतमंदो के लिए है। मासूम का निःशुल्क इलाज BRD मेडिकल कॉलेज में होगा। चाइल्ड लाइन जब चाहे उसे भर्ती करा सकती है।