Kirti Chakra: देवरिया जिले के बरडीहा दलपत गांव निवासी कीर्ति चक्र ( Kirti Chakra) से सम्मानित शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह के माता-पिता ने आरोप लगाया है कि उनकी बहू स्मृति सिंह ने घर छोड़कर जाने के बाद शहीद के सम्मान से जुड़ी सारी सामग्री अपने साथ ले ली है। मंगलवार को उन्होंने रायबरेली जाकर सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की और अपनी समस्याओं को साझा किया। उनका कहना है कि वे इस मुद्दे को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सामने भी उठा चुके हैं।
माता-पिता का कहना सम्मान की कोई निशानी नहीं
शहीद अंशुमान के पिता रवि प्रताप सिंह, जो कि सेना से जूनियर कमीशन अधिकारी (JCO) के पद से रिटायर्ड हैं। उन्होंने कहा कि उनकी बहू स्मृति सब कुछ लेकर चली गई है। उन्होंने यह भी बताया कि बहू ने अपना एड्रेस भी बदलवा लिया है और उनके पास कीर्ति चक्र प्राप्त करने का कोई सबूत भी नहीं है। पिता ने कहा, “मेरे पास कीर्ति चक्र का बैज तक नहीं है, जिसे मैं बेटे की फोटो पर लगा सकूं। सभी चीजें बहू ने अपने साथ ले ली हैं। अब हमें इस सम्मान के नियमों में बदलाव की आवश्यकता महसूस होती है। बहुएं घर छोड़कर चली जाती हैं और माता-पिता को कुछ नहीं मिलता।”
रवि प्रताप सिंह ने बताया कि उनके बेटे की शादी के सिर्फ तीन महीने बाद ही वह शहीद हो गए। बहू स्मृति शादी के कुछ दिन बाद ही घर छोड़कर चली गई। सम्मान समारोह में स्मृति के साथ उनकी पत्नी को भी बुलाया गया, लेकिन सम्मान केवल बहू स्मृति को ही दिया गया। उन्होंने कहा, “हमारे पास बेटे की फोटो के अलावा कुछ भी नहीं है। कीर्ति चक्र का बैज भी हमें नहीं मिला।”
मां ने अपील, माता-पिता का भी हो सम्मान
शहीद की मां मंजू सिंह ने कहा कि बहुएं अक्सर घर छोड़कर चली जाती हैं, लेकिन माता-पिता का भी सम्मान होना चाहिए। उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रायबरेली के सांसद राहुल गांधी से अपील की कि सेना में शहीद होने वाले युवाओं के परिवार में बहू के अलावा माता-पिता का भी ध्यान रखा जाना चाहिए।
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आया स्मृति का जवाब
स्मृति ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है और यह सब सोच की बात है। उन्होंने कहा, “मुझे कोई आपत्ति नहीं है। मैं अभी बाहर हूं। वीडियो भेज दीजिए, फिर कॉल करूंगी।” स्मृति पेशे से इंजीनियर हैं और उनके माता-पिता स्कूल के प्रधानाचार्य हैं। वहीं, स्थित स्मृति के पिता राजेश सैनी ने शहीद के ससुराल वालों के आरोपों पर टिप्पणी करने से इनकार किया और कहा कि मीडिया के माध्यम से ही परिवार को इस विवाद की जानकारी मिली है।
कीर्ति चक्र( Kirti Chakra) से सम्मानित शहीद के बारे में जानकारी
दरअसल, कैप्टन अंशुमान सिंह जुलाई 2023 में शहीद हो गए। उनकी तैनाती सियाचिन ग्लेशियर में 26 पंजाब बटालियन के 403 फील्ड में अस्पताल में रेजिमेंटल मेडिकल आफिसर पद पर हुई थी। सियाचिन ग्लेशियर में 19 जुलाई 2023 को बुधवार की सुबह ही करीब साढ़े तीन बजे भारतीय सेना के गोला बारूद बंकर में शॉट सर्किट की वजह से आग लग गई थी। इस आग ने कई टेंटों को भी चपेट में ले लिया था। आग लगने की वजह से उनके कई साथी बंकर में फंस गए। अपने साथियों के बचाने के लिए अंशुमान भी बंकर में कूद पड़े। अपनी जान की परवाह किए बिना अंशुमन ने तीन जवानों को सुरक्षित बाहर निकाला। हालांकि इस हादसे में अंशुमन बुरी तरह से झुलस गए। उनको एयरलिफ्ट कर इलाज के लिए चंडीगढ़ लाया गया, जहां उन्हें बचाया नहीं जा सका और वह शहीद हो गए।
कैप्टन अंशुमन सिंह यूपी के देवरिया जिले के रहने वाले थे। उनका घर लार थाना क्षेत्र के बरडीहा दलपत में था। हालांकि अंशुमन का परिवार वर्तमान में लखनऊ में रहता था। हाल ही में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने शहीद कैप्टर अंशुमन सिंह को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री की घोषणा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहीद अंशुमान सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके परिवार को 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की थी। इसके अतिरिक्त, उन्होंने शहीद के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने और जिले की एक सड़क का नामकरण शहीद अंशुमान सिंह के नाम पर करने की भी घोषणा की थी।
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