Lucknow Acid Attack: लखनऊ में छात्रा पर एसिड अटैक की साजिश में एक नया मोड़ आया है। बताया जा रहा है कि एसिड अटैक में पीड़िता के मौसेरे भाई की हाथ है। उसने ही दोस्त अभिषेक वर्मा को वारदात के दिन लोकेशन भेजी थी। दरअसल, इस बात की जानकारी अभिषेक मिली। उसने कहा कि चेहरा बचाते हुए तेजाब फेंकना। पुलिस सूत्रों के अनुसार पूछताछ में आरोपी ने ये बात बताई है। वारदात से पहले दोनों लखनऊ में THAR गाड़ी से एक साथ घूमे थे।
जानें क्या है पुलिस सूत्रों का कहना
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी की माने तो मौसेरा भाई हर्ष तिवारी ने ही आरोपी को एसिड दिया था। जांच में खुलासा हुआ है कि जो एसिड फेंका गया है, उसे दुकान से नहीं खरीदने हर्ष गया था। एसिड किसी मेडिकल लैब से लाया गया था। वहीं, हर्ष का अभी भी KGMU में इलाज चल रहा है। हालांकि पुलिस का कहना है कि पारिवारिक विवाद में छात्रा पर तेजाब फेंका गया है। अभी जांच चल रही है।
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जांच में यह भी पता चला है कि आरोपी अभिषेक वर्मा के पास से मिली बाइक मौसेरे भाई हर्ष तिवारी के पिता के नाम पर है। घटना के बाद जिस स्प्लेंडर बाइक से आरोपी अभिषेक भागा था। वह वारदात वाली जगह से कुछ दूरी पर खड़ी मिली। पुलिस बाइक कैसे अभिषेक से पास पहुंची इस बात का पता लगा रही है।
वहीं, घटना के बार में बात करते हुए अभिषेक के पिता कोमल वर्मा ने कुछ जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि अभिषेक और हर्ष दोनों 3rd क्लास से साथ पढ़ते है। लखीमपुर ग्रीन फील्ड से दोनों ने साथ में 12वीं किया है। अभिषेक एक साल से लखनऊ में कॉम्पिटिशन की तैयारी कर रहा है। हर्ष के कहने पर ही अभिषेक ने यह सब किया। उसका मोबाइल लेकर जांच करनी चाहिए, तभी सच्चाई सामने आएगी। पहले हर्ष उसको जो लिखकर भेजता था, वह आगे उसको भेजता था। हर्ष ने अभिषेक का इस्तेमाल किया है।
कब, कैसे, कहां हुई घटना
जांच में अभी तक पता चला है कि छात्रा 3 जुलाई को लोहिया पार्क के पास अपने मौसेरे भाई से मिलने गई थी। इस दौरान एक युवक छात्रा के पास आकर बातचीत करता है, फिर चला जाता है। कुछ देर बाद दुबार लौटकर वापस आया और तेजाब फेंक दिया। इस तेजाब अटैक में छात्रा और उसके मौसेरे भाई दोनों झुलस गए।
मोबाइल चैट रिकवर करने की हो रही कोशिश
छात्रा का मोबाइल चैट रिकवर करेगी पुलिस छात्रा ने घरवालों को बताया था कि उसने आरोपी के 8 मोबाइल नंबर ब्लॉक किए थे। अब पुलिस इस एंगल पर भी जांच कर रही है। पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि आरोपी अभिषेक वर्मा के पास नौ सिम कैसे आए। आरोपी ने सभी सिम अपने नाम पर लिए थे या परिवार और किसी मित्र के नाम खरीदे थे। अभिषेक के मोबाइल का डेटा रिकवर करने के लिए पुलिस साइबर एक्सपर्ट की भी मदद ले रही है। अभिषेक ने पीड़िता को लगातार एसएमएस करके बात करने के लिए फोर्स किया, मैसेज में क्या-क्या लिखा, पुलिस ये सब पता लगाएगी।
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