
Lucknow: राजधानी लखनऊ में रायबरेली रोड स्थित बाबूखेड़ा यादव गांव में 3 अक्टूबर को हुई एक जघन्य हत्या की वारदात का खुलासा हो गया है। पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया कि मां की हत्या उसके मझले बेटे निखिल ने की, जो ऑनलाइन गेमिंग में 30 हजार रुपये से अधिक हार चुका था और कर्ज में डूबा था। चोरी करते पकड़े जाने पर बेटे ने क्रूरता की सारी हदें पार कर दीं।
चोरी पकड़ी गई तो मां को बेरहमी से मारा
वारदात दोपहर करीब ढाई बजे हुई। पुलिस पूछताछ में आरोपी निखिल ने बताया कि वह ऑनलाइन गेमिंग में पैसे हारने के बाद घर में चोरी कर रहा था।
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चोरी और विरोध: निखिल अपनी मां रेनू यादव का मंगलसूत्र चुरा चुका था, तभी माँ ने उसे चोरी करते हुए पकड़ लिया। माँ ने जब उसे डांटा और मंगलसूत्र छीनते हुए कहा कि “पापा को आने दो,” तो निखिल का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया।
पेचकस से हमला: इतना सुनते ही निखिल ने अलमारी से पेचकस (Screwdriver) उठाया और माँ की गर्दन में घुसेड़ दिया। मां दर्द से चीखती-गिड़गिड़ाती रहीं, लेकिन निखिल ने उनकी गर्दन पर लगातार वार किए।
क्रूरता की हद: जब माँ का शरीर बेसुध हो गया, तो बेटे ने किनारे रखा खाली गैस सिलेंडर उठाया और जमीन पर पड़ी माँ के सिर पर तीन बार मारा, जिससे उनकी मौत सुनिश्चित हो गई।

चीखों को दबाया: पूछताछ में निखिल ने कबूल किया कि जब रेनू दर्द से चीख रही थीं, तब उसने टीवी का वॉल्यूम बढ़ा दिया ताकि माँ की चीखें घर के बाहर न जा सकें।
घटना के बाद बेटे का फ़रार होना
हत्या को अंजाम देने के बाद, निखिल ने माँ के मंगलसूत्र समेत घर में रखे अन्य जेवर एक बैग में भरे। वह पिता रमेश यादव की बाइक लेकर फरार हो गया।
रेनू यादव दो दिन पहले मायके गई थीं, जहाँ से निखिल उन्हें वापस बुलाकर लाया था। कुछ देर बाद साले से सूचना मिलने पर पिता रमेश घर पहुँचे और पत्नी को खून से लथपथ देखकर बेसुध हो गए। रेनू यादव को अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
वारदात के बाद फरार निखिल की बाइक रविवार को चारबाग से मिली थी। सोमवार को पुलिस ने फतेहपुर से आरोपी निखिल को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान उसके चेहरे पर अफसोस का कोई भाव नहीं था।
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ऑनलाइन गेमिंग का ‘विनर’ बनने का जुनून बना कातिल
पुलिस जाँच में सामने आया कि निखिल इस जघन्य अपराध को करने के लिए ऑनलाइन गेमिंग की लत के कारण मजबूर हुआ। गेमिंग की लत: निखिल ‘एविएटर’ जैसे कई ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म से जुड़ा था और tirangagamee.games जैसे लिंक से जुआ (सट्टा) खेलता था।
विनर बनने के लालच में वह करीब 24 हजार रुपये हार चुका था। नुकसान की भरपाई के लिए उसने ऑनलाइन लोन ऐप्स से कर्ज लिया था, जिसमें MPOKKET से ₹25,000, FLASH WALLET से ₹2,600 और RAM Fincorp से ₹2,000 शामिल थे।
ब्लैकमेलिंग का दबाव: साइबर थाना इंस्पेक्टर बृजेश यादव ने बताया कि ये ऑनलाइन लोन ऐप्स उच्च ब्याज दर और छिपे शुल्कों के साथ आते हैं और डेटा दुरुपयोग व ब्लैकमेलिंग का डर दिखाते हैं। इसी वसूली के भारी दबाव के कारण निखिल चोरी करने पर मजबूर हुआ। पुलिस ने माता-पिता से बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर निगरानी रखने और उन्हें गेमिंग के खतरों के बारे में बताने की अपील की है।