Lucknow: उत्तर प्रदेश में शराब माफिया और सिंडिकेट की कमर तोड़ने के बाद डिस्टलरी उद्योग ने रफ्तार पकड़ी ली है। यूपी जल्द ही डिस्टलरी उद्योग का सतक पूरा करने जा रहा है जल्द ही यहाँ डिस्टलरी की संख्या 98 के लगभग हो जायेगा। प्रदेश में अभी तक 18 कंपनियों ने डिस्टलरी में किया निवेश किया है जिसमे तीन में उत्पादन शुरू भी हो गया है। इसके अलावा 15 और कंपनियों को डिस्टलरी लगाने की अनुमति दी मिल गई है।
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उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने पिछले पांच वर्षों में शराब उद्योग से सिंडिकेट को ख़त्म करने के लिए लगातार कोशिश कर रही थी। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता के अनुसार शराब निर्यात में देश के 10 प्रमुख राज्यों में यूपी पांचवें से तीसरे नंबर पर पहुंच गया है। जबकि आंध्र प्रदेश और गोवा उससे पीछे छूट गए हैं।
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आपो बतादें कि डिस्टलरी उद्योग एक ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य को पाने में सहायक होगा। इसमें 60 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। पिछले पांच वर्षों में डिस्टलरी में नौ हजार करोड़ रुपए का निवेश हुआ। अल्कोहल का उत्पादन दोगुने से अधिक हुआ है। इस साल 170 करोड़ बल्क लीटर से अधिक होने की संभावना है। डिस्टलरी उद्योग से आबकारी राजस्व में दोगुने से अधिक का इजाफा यानि 17 हजार करोड़ से बढ़कर 36 हजार करोड़ हुआ है।