NHCX

NHCX: भारत सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच में सुधार करने और रोगियों के आउट-ऑफ-पॉकेट खर्चों को कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है जब वह ‘नेशनल हेल्थ क्लेम एक्सचेंज’ (एनएचसीएक्स) को पेश करती है, जो एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है। इसका मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य बीमा प्रक्रियाओं को सुगम बनाना और स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता लाना है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDA) के साथ उन उपायों पर काम कर रहा है, जिनका उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल तक मरीजों की पहुंच को सुलभ कराना और आउट-ऑफ-पॉकेट खर्च में कमी लाना है। आउट-ऑफ-पॉकेट खर्च यानी चिकित्सा पर होने वाला व्यय जो स्वास्थ्य बीमा योजना (Health Insurance Plan) द्वारा कवर नहीं होता है। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय और इरडा एक डिजिटल प्लेटफॉर्म ‘National Health Claim Exchange’ (एनएचसीएक्स) को लॉन्च करने जा रहे हैं।

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प्लेटफ़ॉर्म के मुख्य उद्देश्य

  1. स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर पहुंच सुनिश्चित करना।
  2. रोगियों के आउट-ऑफ-पॉकेट खर्चों को कम करना।

एनएचसीएक्स कैसे काम करेगा

  • यह प्लेटफ़ॉर्म सभी बीमा कंपनियों, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और अन्य संबंधित हितधारकों के बीच एक गेटवे के रूप में काम करेगा।
  • इसके माध्यम से स्वास्थ्य दावों की प्रक्रिया को तेज़ किया जाएगा और पारदर्शिता बढ़ाई जाएगी।

विशेषज्ञों का कहना है कि ‘NHCX इरडा के ‘2047 तक सभी के लिए बीमा’ के लक्ष्य के अनुरूप है। इससे अस्पतालों व बीमा कंपनियों के बीच सुव्यवस्थित, कागज रहित और संविदात्मक दायित्व के तहत एक ढांचा तैयार होगा, जो स्वास्थ्य देखभाल लागत में दक्षता, पूर्वानुमान और पारदर्शिता में सुधार लाने वाला साबित होगा। अब तक एनएचसीएक्स से एक थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर और 12 बीमा कंपनियां जुड़ चुकी हैं।

कैसे होगा लाभ

  • बीमा उद्योग में दक्षता और पारदर्शिता में सुधार होगा।
  • पॉलिसीधारकों और रोगियों को अधिक सुविधा मिलेगी।

कैशलेस दावों की प्रक्रिया

  • सभी कैशलेस बीमा दावों के लिए समय सीमा तय की गई है, जिससे रोगियों को समय पर अस्पताल से छुट्टी मिल सके।

क्या है चुनौतियां

  • अस्पतालों और बीमा कंपनियों के बीच संबंधों में सुधार होना आवश्यक है।
  • डेटा में सेंधमारी जैसी चुनौतियों का सामना करना होगा।

इसकी जरूरत क्यों

  • स्वास्थ्य बीमा के महत्व को रेखांकित करते हुए, यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
  • सार्वजनिक स्वास्थ्य योजनाओं की प्रक्रियाओं में सुधार कर स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को बेहतर बनाने के लिए।

हालांकि, 29% है भारत की कुल सामान्य बीमा प्रीमियम आय में स्वास्थ्य बीमा की हिस्सेदारी। अभी भी बड़ी आबादी किसी भी बीमा या स्वास्थ्य बीमा योजना से वंचित है। 2023 में भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने एक परिपत्र के जरिए सभी बीमा कंपनियों को सलाह दी थी कि वे बीमा कवर चाहने वाले सभी लोगों के आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता नंबर लेना शुरू करें।

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