Rajasthan में राजनीति जबरदस्त उलटफेर लेती दिखाई पड़ रही है । प्रचंड मत लेकर खुशी मनाने में जुटी भाजपा के सामने एक नया संकट खड़ा हो गया है , हार का मंथन करने में जुटी कांग्रेस के सामने जल्द बड़ी टूट के प्रबल आसार बन गए हैं।
सरकार गिरने से बचाने में वसुंधरा ने कांग्रेस के गहलोत की मदद की थी , गहलोत अब भाजपा की वसुंधरा की ताजपोशी कराने को तैयार ! अनेक भाजपा विधायक बाबा बालकनाथ को बतौर मुख्यमंत्री स्वीकार करने का तैयार नहीं हैं।
यह भी पढ़ें:- Jaipur Crime: सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की गोली मारकर हत्या, इस गैंग ने ली जिम्मेदारी
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा की दो बार मुख्यमंत्री रह चुकी वसुंधरा राजे सिंधिया ने खुद को मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर लामबंदी तेज कर दी है। वहीं बाबा बालक नाथ को Rajasthan का मुख्यमंत्री मनाए जाने की चर्चाओं को लेकर अनेक भाजपा विधायकों ने अपना सांकेतिक विरोध भी जताना शुरू कर दिया है।
लगभग तीन दर्जन विधायक वसुंधरा राजे के जयपुर निवास पर डिनर पर पहुंचे, जिसका स्पष्ट संकेत वसुंधरा को अनदेखा करके राजनीति तौर पर जूनियर विधायक बाबा बालक नाथ को मुख्यमंत्री बनाया जाना सही नहीं बताया जा रहा है। कहां जा रहा है कि फिर भी यदि भाजपा हाईकमान ने वसुंधरा को मुख्यमंत्री न बनाकर यदि किसी अन्य का नाम फाइनल किया, तो कांग्रेस के वर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ मिलकर वसुंधरा राजे राजस्थान की राजनीति में बड़ा खेला कर सकती है।
मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस के 71 विधायक जीतकर आए हैं जबकि वसुंधरा के साथ भाजपा के लगभग 40 विधायकों का समर्थन बताया गया है।
यह भी पढ़ें:- Odisa Crime: दोस्त के साथ मिलकर भाई ने बहन से किया गैंगरेप, फिर कर दी हत्या
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यदि 40 विधायक भाजपा से निकलकर वसुंधरा के पाले में खड़े हो गए हैं, तो भाजपा अपनी पसंद का नया चेहरा इतनी आसानी से नहीं ला पाएगी । बाबा बालक नाथ भले ही भाजपा हाई कमान को पसंद आने वाले बयान देकर चुपके से मुख्यमंत्री बनने की कोशिशों में जुटे हैं। मगर जयपुर के राजनीतिक गलियारों में भाजपा विधायकों के एक बड़े समूह ने उनका अंदरखाने विरोध तेज कर दिया है।