सहारनपुर के सरसावा थाना क्षेत्र के सौराना गांव के पास एक पटाखा फैक्ट्री में भीषण आग लग गई। आग की चपेट में आकर 3 लोगों की मौत हो गई जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी घायलों को अस्पताल भर्ती कराया गया है।

घटना जनपद सहारनपुर के सरसावा थाना क्षेत्र के सौराना गांव की है जहां एक लाइसेंसी पटाखा फैक्ट्री में जोरदार धमाका हुआ जिसके बाद अफरा तफरी मच गई धमाके में तीन लोगों के चीथड़े उड़ गए बल्कि उनके मां के लोड़े करीब 500 मीटर दूर जाकर गिरे जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी घायलों को अस्पताल भर्ती कराया गया है। डीआईजी प्रीतिंदर सिंह ने घटना को दुखद बताते हुए 3 लोगों की मौत हो जाने की पुष्टि की है। जो लोग घायल हैं उनमें से भी कई की हालत भी गंभीर बनी हुई है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि मरने वालों की संख्या बढ़ भी सकती है।

घटना शाम की है। अंबाला हाइवे पर सरसावा और सौराना के बीच हाईवे पर स्थित किरण फायर वक्र्स के नाम से पटाखा फैक्टरी में बड़ी संख्या में रोजाना की तरह लोग काम कर रहे थे। अचानक फैक्ट्री में आग लग गई। इससे पहले कि वहां काम कर रहे मजदूर संभल पाते बारूद ने आग पकड़ ली और इसके बाद वहां काम कर रहे मजदूरों को बाहर निकलने का मौका ही नहीं मिला। तेज धमाकों के साथ आग पूरी फैक्ट्री में फैल गई। लोग इधर-उधर भागने लगे, अफरा-तफरी मच गई।

धमकों और चीख पुकारों की आवाज सुनकर पुलिस और दमकलकर्मियों को भी सूचना कर दी गई। जब तक दमकल कर्मी मौके पर पहुंचे तब तक फैक्ट्री में काम कर रहे कई लोग गंभीर रूप से जल चुके थे। आनन-फानन में घायलों को निकालकर अस्पताल भिजवाया गया और आग बुझाने की कोशिश की गई। माना जा रहा है कि मरने वालों की संख्या अधिक हो सकती है और यह आंकड़ा बढ़ सकता है। जो मजदूर इस घटना में घायल हुए हैं उनमें से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है।

जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने सभी घायलों को बेहतर से बेहतर इलाज दिलाए जाने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिए हैं। कुछ घायलों को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है जबकि कुछ घायलों को सहारनपुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिनकी हालत अधिक गंभीर हैं उन्हे हायर सेंटर रेफर किया जा रहा है।

धमाके में फैक्ट्री के मालिक का शरीर भी दो हिस्सों में मिला। धमाका इतना जोरदार था कि मरने वालों के शरीर के टुकड़े दूर दूर तक टॉर्च से इकट्ठे किए गए देर रात चले रास्ते ऑपरेशन में पुलिसकर्मी मुस्तैदी से जेसीबी मशीन लगवा कर फैक्ट्री में बिखरे सामान को उठाने में लग रहे वही फैक्ट्री में धमाके से दबे लोगों को निकालने में भी रात भर जेसीबी मशीन चलती हुई बड़ा सवाल यह है कि जिला प्रशासन समय-समय पर पटाखा फैक्ट्रियों की जांच क्यों नहीं करता जब भी सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश के अनुसार प्रतिबंधित पटाखे किसी भी फैक्ट्री में ना बनाया जाए ग्रीन पटाखों के आदेश के बाद भी जनपद में धड़ल्ले से प्रतिबंधित पटाखे बनाने की फैक्ट्री लगातार अपने काम में जुटी है यह महीने में पटाखा फैक्ट्री में हुए धमाके की दूसरी खबर है हाल ही में एक पटाखा फैक्ट्री में धमाके से कई लोगों की मौत हुई थी वही यह धमाके की दूसरी खबर से पूरा शहर दहल उठा।

साल भर प्रतिबंधित पटाखों का कारोबार धड़ल्ले से चलता है जबकि साल के आखिर में दिवाली के समय पर सिर्फ अनार बम और फुलझड़ी का ही कारोबार दिखाया जाता है। समय-समय पर इसकी जांच होती रहे तो इस तरह के हादसे होने से बस जाए इसमें साफ तौर पर जिला प्रशासन की नाकामी देखने को मिलती है अगर जिला प्रशासन समय-समय पर इसकी जांच करते रहे तो हादसों से बचा जा सकता है जबकि थाना प्रभारी के सरक्षण में क्षेत्र में पटाखा फैक्ट्री आ धड़ल्ले से चलती है जिसकी कभी जांच नहीं की जाती।

By Javed

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