Election Commissioner resign: चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने शनिवार को इस्तीफा देने का ऐलान किया। वही, कुछ दिन पहले जब उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनावों के कार्यक्रम की अपेक्षित घोषणा की थी। कानून मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, उनका इस्तीफा तुरंत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वीकार किया। इस्तीफा का कराण “व्यक्तिगत” बताया गया है। जबकि सूत्रों का कहना है कि उन्हें पद छोड़ने से रोकने की कोशिश की गई थी।
सांसदों की प्रतिक्रिया: कांग्रेस चिंतित, सरकार पर सवाल
चुनाव आयोग अध्यक्ष के इस अचानक इस्तीफे पर कांग्रेस ने चिंता जताई है और सोशल मीडिया पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्विटर पर पूछा, “क्या वर्तमान स्थिति में चुनाव आयोग का नाम बदलकर ‘चुनाव चूक’ करना उचित है?” उन्होंने और ट्विट किया, “चुनाव आयोग या चुनाव चूक? भारत में अब केवल एक चुनाव आयुक्त है, जबकि कुछ ही दिनों में लोकसभा चुनावों की घोषणा होनी है। क्यों?”
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कांग्रेस द्वारा सवाल: क्या लोकतंत्र खतरे में?
कांग्रेस महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल ने श्री खड़गे की चिंताओं को दोहराया और कहा, “यह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के स्वास्थ्य के लिए बेहद चिंताजनक है कि चुनाव आयुक्त श्री अरुण गोयल ने लोकसभा चुनाव के ठीक पहले इस्तीफा दे दिया है।” वह और ट्विट किया, “चूंकि चुनाव आयुक्तों के चयन की नई प्रक्रिया ने अब प्रभावी रूप से सत्तारूढ़ दल और पीएम को सारी शक्तियां दे दी हैं, तो कार्यकाल पूरा होने के 23 दिन बाद भी नए चुनाव आयुक्त की नियुक्ति क्यों नहीं की गई? मोदी सरकार को इन सवालों का जवाब देना चाहिए और एक उचित स्पष्टीकरण के साथ सामने आएं।”
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