Yogi AdityanathYogi Adityanath

Yogi Adityanath ने हिंदू युवा वाहिनी संगठन पूरी तरह से भंग करने का ऐलान किया-अब इस संगठन की कोई इकाई नहीं रहेगी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री Yogi Adityanath की पहचान रहा ‘हिंदू युवा वाहिनी’ संगठन अब पूरी तरह से खत्म हो गया है। खुद योगी आदित्यनाथ ने इसे पूरी तरह से भंग करने का ऐलान कर दिया. अब इस संगठन की कोई इकाई नहीं रहेगी।

उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने से पहले योगी आदित्यनाथ की कई और पहचान थी, इनमें से एक पहचान थी, ‘हिंदू युवा वाहिनी’ संगठन अब ये संगठन पूरी तरह से खत्म हो गया है। यानी अब इस संगठन की सभी इकाइयां खत्म हो गई हैं, चाहे वह जिले की हो या प्रदेश स्तर की, अब हिंदू युवा वाहिनी की कोई इकाई नहीं रहेगी.

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योगी आदित्यनाथ ने पहले ही इस संगठन को भंग करने का निर्देश दे दिया था, लेकिन छिटपुट तौर पर इसकी कई इकाइयां काम कर रही थी आज के बाद से अब हिंदू युवा वाहिनी जैसा कोई संगठन नहीं होगा, इसे पूरी तरीके से खत्म माना जाएगा।

हिन्दू युवा वाहिनी का इतिहास

हिन्दू युवा वाहिनी एक धार्मिक हिन्दू युवा समूह है जिसकी स्थापना 19 साल पहले योगी आदित्यनाथ ने अप्रैल 2002 में राम नवमी के दिन किया गया था। हिंदू युवा वाहिनी (HYV) खुद को “हिंदुत्व और राष्ट्रवाद को समर्पित एक उग्र सांस्कृतिक और सामाजिक संगठन” के रूप में प्रदर्शित करती है। हिन्दू युवा वाहिनी संगठन का उद्देश्य “विशाल हिंदू समाज के भीतर एकता और आपसी सद्भावना, छुआछूत-अछूत और उच्च-निम्न के बीच भेदभाव को पूरी तरह से ख़त्म करके, समाज के सामंजस्यपूर्ण विकास को बढ़ावा देना था।

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इस संगठन का हिंसा में शामिल होने का भी आरोप लगा था , हिंदू युवा वाहिनी पर अक्टूबर 2004 के मऊ दंगों में पुलिस ने आरोप लगाया था, जहां उन्होंने मुख्तार अंसारी के विरोध में हिंदू बलों को संगठित किया , जो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राज्य विधायक सदस्य कृष्णानंद राय के कथित हत्यारे थे। हिंदू युवा वाहिनी नेताओं के खिलाफ मुख़्तार अंसारी और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ दंगा भड़काने, हत्या और आगजनी के आरोप भी लगाए गए थेजिसकी वजह से आखिरकार मऊ में करीब एक महीने के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया था।

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जनवरी 2007 में, गोरखपुर में मस्जिदों, घरों, बसों और ट्रेनों को जलाने का आरोप लगाया गया था, जब गोरखपुर मंदिर पर हमला होने का दावा सामने आया था। इसके चलते योगी आदित्यनाथ और 130 अन्य सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार सदस्यों पर मुंबई जाने वाली मुंबई-गोरखपुर गोदान एक्सप्रेस के दो डिब्बों में आग लगाने का संदेह था।

2008 में इस संगठन पर वटोली, आदिलाबाद , तेलंगाना (तत्कालीन आंध्र प्रदेश) में एक पूरे मुस्लिम परिवार को जलाने का आरोप लगाया गया था। हालांकि बाद ,में आदिलाबाद जिला सत्र न्यायालय की न्यायाधीश अरुणा सारिका ने इस संबंध में गिरफ्तार सभी नौ आरोपियों के खिलाफ मामले को खारिज कर दिया था।

By Javed

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