जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने कोविड-19 के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के संभावित खतरे को देखते हुए वर्चुअल माध्यम से स्वास्थ्य विभाग के तैयारियों की समीक्षा की। बैठक में जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग को समय रहते किसी भी प्रकार की आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयारी पूर्ण करने के सम्बंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने कहा कि विदेश से यात्रा कर जनपद में आने वाले यात्रियों की आरटीपीसीआर जांच अनिवार्य रूप से हो। इसके लिए रेलवे स्टेशन और बस अड्डे पर विशेष जांच कैंप लगाए जाएं। विदेश यात्रा करने वाले लोगों को टेलीकॉलिंग के जरिए ट्रैस किया जाए। निगरानी समितियां सक्रिय हों जिससे प्रवासी मजदूरों के संबंध में प्रशासन को सही सूचना मिल सके। नए वैरियंट के प्रसार को रोकने के लिए स्क्रीनिंग, ट्रेसिंग और टेस्टिंग की प्रक्रिया प्रभावी तरीके से लागू करने की आवश्यकता है।
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जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में नवस्थापित सभी ऑक्सीजन प्लांट प्रशिक्षित कर्मचारियों के साथ पूर्णतया फंक्शनल किये जायें, जिससे किसी भी आपात स्थिति में ऑक्सीजन की कमी न होने पाए। जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को पल्स-ऑक्सिमीटर और थर्मामीटर सहित आवश्यक दवायें एवं अन्य आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने और मॉकड्रिल कर तैयारियों का जायजा लेने का निर्देश दिया।
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जिलाधिकारी ने कहा कि कोविड-19 से बचाव का एकमात्र उपाय वैक्सीनेशन ही है। हर घर दस्तक अभियान के अंतर्गत अभी तक वैक्सीनेशन से वंचित रह गए लोगों का प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण कराया जाए। जिलाधिकारी ने जनपदवासियों को आश्वस्त किया कि जिला प्रशासन किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है और सभी आवश्यक संसाधन पर्याप्त हैं।
समीक्षा बैठक में मुख्य विकास अधिकारी रवींद्र कुमार, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ आलोक पांडेय, एडीएम प्रशासन कुँवर पंकज, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/एसडीएम गुँजन द्विवेदी, एसीएमओ डॉ सुरेंद्र सिंह, डब्लूएचओ के प्रतिनिधि डॉ अंकुर सांगवान सहित विभिन्न अधिकारी मौजूद थे।