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Eye Freckle: आंखों के धब्बे या सुदृढ़ रंग के दिखाई देने पर कई लोग इसे हल्के में लेते हैं, लेकिन यह काफी गंभीर हो सकते है। आंख के धब्बे छोटे लेकिन महत्वपूर्ण लक्षणों के संकेत हो सकते हैं, जो गंभीर आंखों की समस्याओं को बताते है। इसे आई फ्रेकल्स भी कहा जाता है। अगर आपको भी आंख में किसी तरह का निशान है या धब्बे है तो आपको इसका ध्यान रखना जरूरी है। इस विषय पर कई विशेषज्ञ ने अपनी चिंता भी व्यक्त की है, इसलिए जरूरी है कि हम इससे होने वाले बीमारियों को समझे और सतर्क रहे।

क्या है आई फ्रेकल्स?

आई फ्रेकल्स एक ऐसी स्थिति है जिसमें आंख के आसपास की त्वचा पर छोटे गोले या धब्बे होते हैं, जिन्हें मेलानिन नामक पिगमेंट के ज्यादा उत्पन्न होने की वजह होता है। ये फ्रेकल्स आमतौर पर हल्के और गोले होते हैं। आमतौर पर ये आंख के पास की त्वचा पर विस्तारित होते हैं। ये गोले सामान्यतः धूप के प्रभाव में ज्यादा बढ़ते हैं। हालांकि इन से कोई खतरा नहीं होता, लेकिन एक प्रकार के कैंसर में बदल सकता है, जिसे मेलेनोमा कहा जाता है। इसलिए चाहे आई फ्रेकल्स(आंखों के धब्बे) पुराने हों या नए, उनकी जांच जरूर करवानी चाहिए।

आई फ्रेकल्स कार्यक्षेत्र में वैज्ञानिक रूप से “Iris Nevi” के रूप में भी जाना जाता है। ये आमतौर पर अकेले देखने को मिलते हैं, लेकिन कई बार वे एक समूह में भी हो सकते हैं। आई फ्रेकल्स की विशेषता यह है कि ये आंख की स्वस्थता के लिए हानिकारक नहीं होते हैं, लेकिन कई बार इन्हें डॉक्टर की जाँच कराना भी सुरक्षित होता है, ताकि गंभीर समस्याओं को नजरअंदाज न किया जाए।

तीन तरह के फ्रैकल्स

  • कोरोइडल नेवस: आपकी आंख के पीछे
  • आइरिस नेवस: आपकी आंख के रंगीन हिस्से में
  • कंजंक्टिवल नेवस: आपकी आंख की सतह पर

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पहचानें लक्षण

कंजंक्टिवल नेवी अक्सर आखों के सफेद भाग पर साफतौर पर दिखाई देते हैं। इसका अन्य कोई लक्षण नजर नहीं आता। यह स्थिर बने रहते हैं, लेकिन समय के साथ बढ़ती उम्र में या गर्भावस्था के दौरान इनका रंग बदल सकता है। आइरिस नेवी आमतौर पर आंखों को चेक करते समय ही सामने आते हैं। वे आमतौर पर नीली आंखों वाले लोगों में होते हैं और इन व्यक्तियों में अधिक आसानी से देखे जाते हैं। कोरोइडल नेवी होने पर कोई लक्षण नजर नहीं आते, हालांकि यह तरल पदार्थ का रिसाव कर सकते हैं।

क्या है डॉक्टर का कहना

आखों में धब्बों के दिखाई देने पर डॉक्टर की सलाह लेना महत्वपूर्ण है, अगर समय रहते न ठीक किए गए तो आगे और भी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकते हैं। जैसे मकुलर डिजीनरेशन, रेटिनोपैथी, और अन्य आंखों की बीमारियाँ। आई स्पेशलिस्ट डॉ. रत्नामाला मृणालिनी कहती हैं कि आमतौर पर आई फ्रैकल्स हानिरहित होते हैं। लेकिन अगर आपको आंखों में मौजूद पिग्मेंट का साइज तेजी से बढ़ता हुआ नजर आए या फिर आंखों में किसी तरह की दिक्कत हो तो तुरंत आई स्पेशलिस्ट से सपंर्क करें।ल रखें और किसी भी संदेहजनक धब्बे के लिए तुरंत चिकित्सक सलाह लें।

जन्म से भी हो सकते है आई फ्रेकल्स

आई फ्रैकल्स कई कारणों से हो सकता है। यह जन्म से पहले और जन्म के बाद भी हो सकते है। स्किन पर होने वाली झाइयों की ही तरह आई फ्रैकल्स भी मेलानोसाइट्स के कारण होते हैं। इसके अतिरिक्त सूरज की किरणें भी नेवस को बढ़ा सकती हैं। आइरिस नेवस भी धूप के कारण बढ़ सकते हैं। 2017 में हुए एक अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों ने अधिक समय धूप में बिताया, उनमें आइरिस फ्रैक्ल्स अधिक थे।

आई फ्रेकल्स बढ़ने से रहे सावधान

  1. नियमित चेकअप: आई फ्रेकल्स के बढ़ने से बचने के लिए आंखों के स्वास्थ्य की नियमित जांच कराना बेहद जरूरी है। इसलिए डॉक्टर की सलाह पर नियमित रूप से आंखों की जांच करवाएं।
  2. धूप से बचाव: धूप में लंबे समय तक रहने से बचें और चश्मा या सनग्लासेस पहनें। यह आंख को धूप के हानिकारक प्रभाव से बचाता है।
  3. सतर्कता: अगर फ्रेकल्स में किसी भी तरह का परिवर्तन आता अनुभव हो, जैसे कि आकार में वृद्धि, रंग का परिवर्तन, या खुजली, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें।

जानें चिकित्सा के उपाय

  1. निरीक्षण और निर्धारण: डॉक्टर आपके फ्रेकल्स को निरीक्षण करेंगे और किसी गंभीर समस्या की उपस्थिति का निर्धारण करेंगे।
  2. उपचार: आमतौर पर, आई फ्रेकल्स को हटाने की कोई आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन अगर आंखों की किसी भी समस्या का संकेत मिलता है, तो चिकित्सा उपाय की सलाह दी जा सकती है।

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