Kanpur: उत्तर प्रदेश के कानपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी योजनाओं को भी अधिकारी पलीता लगा रहें है। IGRS और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में आ रही शिकायतों का मौके पर जाए बिना औऱ शिकायतकर्ता से बात किए बिना फर्जी निस्तारण ऑफिस में बैठे-बैठे कर दिया जा रहा है। जब 4 महिने बाद सीएम कार्यालय से लिए गए फीडबैक में अफसरों की पोल खुल गई। बता दें कि शिकायत करने वाले अधिकांश लोग संतुष्ट नहीं है। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने 210 अफसरों को नोटिस जारी किया है। 3 दिन में जवाब देने को कहा है।
अधिकारियों की खुल गई पोल
दरअसल, वन अधिकारी स्तर पर 10 शिकायतें ऑनलाइन की गईं थीं, इन सभी शिकायतों का निस्तारण कर दिया गया, लेकिन जब शिकायतों के निस्तारण का फीडबैक शिकायतकर्ता से लिया गया तो उन्होंने निस्तारण को लेकर नाराजगी व्यक्त की। इसी प्रकार ग्राम्य विकास विभाग, जिला पंचायती सेल, पंचायती राज विभाग, नगर स्वास्थ्य अधिकारी नगर निगम, सब रजिस्ट्रार स्टांप, प्रभारी चिकित्साधिकारी, घाटमपुर, बिल्हौर, सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता, बीडीओ ककवन, सरसौल, पतारा, खंड शिक्षा अधिकारी, सब रजिस्टार नरवल, अधिशाषी अभियंता विद्युत समेत अन्य विभागों ने एक भी समस्या के निस्तारण में गंभीरता ही नहीं दिखाई। इनकी सभी शिकायतों का फीडबैक खराब मिला।
71 विभागों की निस्तारण सही नहीं
बता दें कि मार्च में आचार संहिता लगने के बाद से आईजीआरएस की समीक्षा शासन स्तर से बंद हो गई थी। लेकिन जून माह से फिर से शुरू हो गई। जिसके बाद आई शिकायतें जो अधिकारियों ने निस्तारित कर दी थीं, उनका फीडबैक लिया गया गया तो ज्यादातर शिकायतकर्ता अंसतुष्ट मिले। जिसमें 71 विभागों के अधिकारियों ने एक भी समस्या का निस्तारण सही नहीं किया।
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किसी विभाग का क्या है हाल
जिला उपायुक्त मनरेगा स्तर पर 12 शिकायतें आईजीआरएस पर की गईं लेकिन एक भी शिकायत निस्तारित नहीं की। सीएम कार्यालय से पांच विभागों से सबसे ज्यादा शिकायतों का फीडबैक लिया गया। जिसमें नगर आयुक्त नगर निगम स्तर की दो हजार शिकायतों का फीडबैक लिया गया, जिसमें 1147 का फीडबैक असंतुष्ट मिला।
अधिशाषी अभियंता विद्युत की 619 शिकायतों में 357 का फीडबैक खराब मिला। अधिशाषी अभियंता जलकल की 410 शिकायतों में 215 का फीडबैक खराब मिला। समाज कल्याण विभाग की 315 शिकायतों में से 276 का फीडबैक खराब मिला।महाप्रबंधक जलकल स्तर की 126 शिकायतों में 82 का फीडबैक खराब मिला और पंचायती राज विभाग की 125 शिकायतों में 94 का फीडबैक खराब रहा। इन विभागों की करीब 80 फीसदी शिकायतों का फीडबैक सही नहीं मिला।
डीएम बोले- सख्त कार्रवाई होगी
डीएम राकेश कुमार सिंह ने बताया कि आईजीआरएस में शिकायतों का निस्तारण गुणवत्तापूर्ण किया जाना अनिवार्य है। किसी भी लापरवाही अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा। आगे जिस भी विभाग की लापरवाही मिलेगी उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
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