Surabhi Jain: सुरभि जैन का असामान्य प्रतिभा और शैली दुनियाभर में मसहूर है। सुरभि जानी मानी फैशन इनफ्लुएंसर है। जो लंबे समय से लोगों से जुड़ी हुई है। फैशन को लेकर उनका अनुठा ढ़ंग है। लेकिन सुरभि जैन को पसंद करने वाले, उन्हें फोलो करने वाले लोगों के लिए दुखद खबर आ रही है। फेमस फैशन इनफ्लुएंसर सुरभि जैन अब हमारे बीच नहीं रही हैं। सुरभि का कैंसर से लंबी लड़ाई के बाद निधन हो गया और ये जानकारी उनके परिवार ने सोशल मीडिया पर शेयर की है। उन्होंने बताया कि उनकी गुरुवार को मौत हो गई और 19 अप्रैल को गाजियाबाद में उनका अंतिम संस्कार किया गया।
खबर सुनकर उनके चाहने वालों में गहरा दुख और असंतोष है। वे बहुत ही कम उम्र की थीं, केवल 30 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया।
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इंस्टाग्राम पर आखिरी बार कहा..
सुरभि जैन ने इंस्टाग्राम पर बहुत बड़ी फैन फॉलोइंग हासिल की थी। उन्हें उनकी विचार और जीवनशैली के लिए सम्मान और प्रशंसा मिलती रहती थी। हालांकि, कैंसर ने उनकी जिंदगी में कई परेशानी लाई। उन्होंने इस बीमारी के खिलाफ लड़ाई जारी रखी, लेकिन इसके बावजूद हार माननी पड़ी। सुरभि जैन ने इंस्टाग्राम पर अपने आखिरी पोस्ट में आठ हफ्ते पहले हॉस्पिटल में अपनी एक फोटो शेयर की थी।
“मुझे पता है कि मैंने अपने हेल्थ के बारे में आप सभी को अपडेट नहीं किया है, जो कि हर दिन मुझे मिलने वाले मैसेज को देखकर लगता है कि गलत है। लेकिन चीजें बहुत अच्छी नहीं चल रही हैं। इसलिए शेयर करने के लिए बहुत कुछ नहीं है। 2 महीने पहले उन्होंने लिखा था, ”मैंने ज्यादातर समय अस्पताल में बिताया है। इलाज चल रहा है, यह मुश्किल है और मैं चाहती हूं कि यह सब खत्म हो जाए।”
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करा रही थीं ओवेरियन कैंसर का इलाज
दरअसल, यह दूसरी बार था जब सुरभि जैन को कैंसर हुआ था। 27 साल की उम्र में पहले ट्रीटमेंट बाद उनकी एक बड़ी सर्जरी हुई थी। अपनी सर्जरी के बाद उन्होंने कहा था, ‘सर्जरी की वजह से मुझे 149 टांके आए और बहुत दर्द हुआ। आज, मैं खुद को व्यस्त रखने और हर दिन का सामना मुस्कुराहट के साथ करने के लिए कंटेंट बनाती हूं।’
क्या होता है ओवेरियन कैंसर
ओवेरियन कैंसर एक प्रकार का कैंसर है जो अंडाशय में उत्पन्न होता है और महिलाओं के लिए एक सबसे अहम चिंता का विषय है। इस रोग की विशेषता अंडाशय में एक घातक, बढ़ता हुआ ट्यूमर है जो स्वस्थ टिश्यू को नष्ट कर देता है। यह भारत में महिलाओं में स्तन और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के बाद तीसरा सबसे आम कैंसर है, जो किसी भी अन्य स्त्री रोग संबंधी कैंसर की तुलना में अधिक मौतों का कारण बनता है। भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) की एक रिसर्च से पता चलता है कि यह लक्षणों के साथ गुप्त और तेजी से बढ़ने के लिए कुख्यात है, जिन्हें कम गंभीर स्थिति समझने की भूल की जा सकती है। जब तक कैंसर का पता चलता है, तब तक यह अक्सर अंडाशय से आगे बढ़ चुका होता है।
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