Telecom Act 2023

Telecom Act 2023: दूरसंचार अधिनियम 2023 पारित हो चुका है, जिसमें कई महत्वपूर्ण बदलाव शामिल हैं। यह अधिनियम मौजूदा भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम (1885), वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम (1993) और टेलीग्राफ वायर (अवैध कब्जा) अधिनियम (1950) के पुराने विनियामक ढांचे की जगह लेगा। इसके तहत, फर्जी सिम कार्ड को लेकर सख्त प्रावधान है और इसका उल्लंघन करने पर तीन साल की जेल या दो लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है। सिम कार्ड क्लोनिंग अब दंडनीय अपराध होगा और इस पर भी सख्त कार्रवाई होगी।

अब से अधिनियम की धारा 1, 2, 10 से 30, 42 से 44, 46, 47, 50 से 58, 61 और 62 के प्रावधान भी लागू हो जाएंगे। सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, सरकार सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था या अपराधों की रोकथाम के आधार पर दूरसंचार सेवाओं का नियंत्रण अपने हाथ में ले सकती है। इसके अलावा इस एक्ट में सिम कार्ड को लेकर भी कड़े प्रावधान किए गए हैं।

तीन साल तक हो सकती है जेल

दूरसंचार विधेयक 2023 में कुछ बातों का खासा ध्यान रखा गया है। इस एक्ट में फर्जी सिम कार्ड जारी करने पर रोक लगाने का प्रावधान है। एक पहचान पत्र पर 9 से ज्यादा सिम कार्ड होने पर 50 हजार रुपये का जुर्माना। दूसरी बार यही काम करने पर 2 लाख रुपये का। सिम बेचने के लिए बायोमेट्रिक डाटा लिया जाएगा उसके बाद ही सिम जारी होगा। बिल के तहत फर्जी सिम कार्ड बेचने, खरीदने और इस्तेमाल करने पर तीन तक साल की जेल या 50 लाख रुपये तक का जुर्माने का प्रावधान है। वहीं किसी भी तरह के सिम कार्ड फ्रॉड करने पर तीन साल की जेल और जुर्माना लगेगा।

इन अधिनियम में प्रमुख प्रावधान शामिल

फर्जी सिम कार्ड के खिलाफ सख्त कार्रवाई

अब अगर किसी व्यक्ति ने फर्जी सिम कार्ड जारी किया या इसे अपराधिक उपयोग किया, तो उसे तीन साल की कारावास और दो लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। सिम कार्ड क्लोनिंग और उसका दुरुपयोग भी दंडनीय अपराध के रूप में माना जाएगा।

डू-नॉट-डिस्टर्ब (DND) सर्विस

यह अधिनियम उपभोक्ताओं को अपने डिवाइस पर अजाने में आने वाले व्यापारिक संदेशों (टेलीमार्केटिंग) से बचने के लिए DND सर्विस रजिस्टर करने का विकल्प देता है। इसके अलावा, उपभोक्ताओं को इस तरह के मैसेज की शिकायत करने का भी अधिकार होगा। सरकार इस अधिनियम के माध्यम से आपात स्थितियों में दूरसंचार सेवाओं का नियंत्रण अपने हाथ में ले सकती है, जो सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं।

आसान शब्दों में समझे तो अगर कोई उपभोक्ता DND सर्विस को ऑन रखता है, तो उसे ऐसे मैसेज या कॉल नहीं आने चाहिए, और अगर इस नियम का उल्लंघन होता है, तो कार्रवाई की जाएगी। यह अधिनियम व्यापारिक संदेशों पर भी रोक लगाता है जो ग्राहकों की प्राथमिकताओं को अनदेखा करते हैं, और इससे ट्राई के नियमों का उल्लंघन होता है।

सरकारी नियंत्रण और सुरक्षा

इस अधिनियम के तहत, टेलीकॉम कंपनियों को अपने इक्विपमेंट्स को सरकार द्वारा आईडेंटिफाइड ट्रस्टेड सोर्स से ही लेना होगा, जो राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने में मदद करेगा। दूसरे शब्दों में समझे तो सरकार आपात स्थितियों में दूरसंचार सेवाओं का नियंत्रण अपने हाथ में ले सकती है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए आवश्यक हो। इसके तहत, टेलीकॉम कंपनियों को अपने इक्विपमेंट्स को केवल सरकार द्वारा आईडेंटिफाइड ट्रस्टेड सोर्स से ही लेना होगा।

कॉल टैपिंग और डेटा प्राईवेसी

कॉल टैपिंग और डाटा एक्सेस पर बिना इजाजत कार्रवाई करना भी अब अपराध माना जाएगा। बिना इजाजत टेलीकॉम नेटवर्क के डाटा एक्सेस करना या कॉल टैप करना अब दंडनीय अपराध के तौर पर माना जाएगा, जिसमें सख्त कार्रवाई होगी।

इस अधिनियम (Telecom Act 2023) के लागू होने से उम्मीद है कि देश में दूरसंचार सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा और उपभोक्ताओं को सुरक्षित रहने में मदद मिलेगी। यह भारतीय टेलीकॉम सेक्टर को अनुकूल और सुरक्षित बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है जो समाजिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान करेगा।

गर्मियों में Tubeless Tyre क्यों सही होता है, लोगों के जान के खतरे से खास कनेक्शन

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

“जम्मू की धड़कन”और आरजे सिमरन सिंह ने दूनिया को कहा अलविदा किताबों के ढेर में एक पेंसिल छुपी है, तेज़ नज़र पेंसिल को ढूंढकर दिखाए। आपको सिर्फ 2 अंतर बताना है, बाज जैसी तेज़ नज़र वालों के लिए है ये चैलेंज इंसान के मरने के बाद बांस से बनी अर्थी पर क्यों लेटाया जाता है। सीमा हैदर ने सचिन मीणा को दिया खुशखबरी, सीमा हुई प्रेग्नेंट