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MCC: लोकसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान होते के साथ आदर्श आचार संहिता (MCC- Model Code of Conduct) भी तुरंत लागू हो गई है। ये चुनाव के नतीजे आने तक लागू रहेगी। लेकिन इस बीज सभी के बड़ा सवाल ये है कि आखिर आदर्श आचार संहिता यानी MCC क्या है? ये कैसे लागू होगा? इसके लागू होने से चुनाव प्रक्रिया में क्या असर पड़ेगा? और चुनाव में एमसीसी का क्या मतलब है? एमसीसी के लागू होने से ये सवाल सभी के मन में आना आम है। तो आइए आपको इन सवालों के जवाब से रूबरू कराते है।

MCC क्या है?

बता दें, MCC का फुल फॉर्म – मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट है। हिन्दी में इसे ‘आदर्श आचार संहिता’ भी कहा जाता है। यह भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) द्वारा प्रकाशित दिशानिर्देशों का एक समूह है। जिसके तहत चुनाव प्रचार और मतदान के दौरान राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए आचरण के मानदंड तय होते है। मूल रूप से, कोड चुनाव के लिए क्या करें और क्या न करें के बारे में बताता है। यह चुनाव की घोषण के साथ लागू हो जाता है और चुनाव खत्म होते के साथ खत्म। इस विधानसभा और लोकसभा, दोनों चुनाव के दौरान लागू किया जाता है। सत्ताधारी पार्टी के मंत्रियों को MCC लागू होने के दौरान कैसे आचरण करना चाहिए, इसके बारे में भी निर्देश देता है। यह बताता है कि विवाद होने पर पार्टियां कैसे चुनाव आयोग के पर्यवेक्षकों के पास शिकायत दर्ज करा सकती हैं। 2019 में, चुनाव घोषणापत्रों के संबंध में एक नया नियम जोड़ा गया था, जिसमें पार्टियों को “संविधान के आदर्शों के प्रतिकूल” वादे करने से मना किया गया।

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क्या MCC कानून है?

हालाँकि एमसीसी के पास कोई वैधानिक समर्थन नहीं है, लेकिन चुनाव आयोग द्वारा इसके सख्त कार्यान्वयन के कारण पिछले एक दशक में इस संहिता को मजबूती मिली है। एमसीसी के कुछ प्रावधानों को भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860, आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 जैसे अन्य कानूनों में संबंधित प्रावधानों को लागू किया जा सकता है। जैसे कि-

  • जाति, धर्म या भाषा के आधार पर समुदायों के बीच तनाव पैदा करना
  • वोट हासिल करने के लिए जाति या सांप्रदायिक भावनाएं भड़काना
  • चुनाव प्रचार के लिए धार्मिक स्थलों का इस्तेमाल करना
  • मतदाताओं को रिश्वत देना/ धमकाना
  • मतदान केंद्रों के 100 मीटर के दायरे में चुनाव प्रचार करना
  • मतदाताओं को मतदान केंद्रों तक लाना या ले जाना
  • सार्वजनिक सभाओं में व्यवधान डालना
  • मतदान के दिन शराब परोसना या वितरित करना
  • वोटिंग खत्म होने के 48 घंटे पहले सार्वजनिक सभाएं करना
  • मतदान स्थल पर पोस्टर, झंडे, चुनाव चिन्ह या किसी अन्य प्रकार का प्रचार सामग्री नहीं लगाई जा सकती है।

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राजनीतिक पार्टियों और उम्मीदवारों के लिए क्या है नियम?

  • राजनीतिक धन संचयन: आचार संहिता राजनीतिक धन के लिए नियम और प्रतिबंधों को स्थापित करती है। जिससे ज्यादा पैसे का इस्तेमाल ना हो और भ्रष्टाचार को रोका जा सकें।
  • उम्मीदवार की प्रत्याशा: यह नियम उम्मीदवारों को उनके चुनावी प्रचार में किए जा सकने वाले वित्तीय खर्चों की सीमा स्थापित करता है।
  • चुनावी प्रचार की प्रतिबंध: इसमें मीडिया, प्रसारण, और विभिन्न चुनावी विज्ञापनों की प्रतिबंधों को शामिल किया जा सकता है।
  • मतदान की प्रक्रिया: मतदान केंद्रों की स्थापना, मतगणना की प्रक्रिया, और विविध मतदाता अधिकारों की सुरक्षा इसमें शामिल है।
  • चुनावी अनुगमन: आचार संहिता में चुनाव के दौरान अनुगमन की प्रक्रिया और व्यवस्था को समर्थन के लिए नियम शामिल हैं। इसमें निर्वाचन की क्षमता, नियमों का पालन और कानूनों का अनुसरण।

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